** राइट टू एजूकेशन और 134ए के तहत जिला शिक्षा अधिकारी और जिला एलिमेंट्री एजूकेशन अधिकारी के पास नहीं जानकारी
सोनीपत : केंद्र सरकार द्वारा 14 साल तक के बच्चों को भले ही मुफ्त शिक्षा प्रदान करने की घोषणा कर दी गई है, लेकिन जिले में यह लागू हुआ या नहीं अधिकारियों को पता ही नहीं है।
नियम 134ए के तहत कक्षा एक से 12 तक के विद्यार्थियों को भी निजी स्कूलों में दस फीसदी सीटें देनी हैं, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने दायित्वों से पल्ला झाड़ रहे हैं। शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि उनके पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है कि वह किसी भी स्कूल संचालक से डिटेल मांग सके। वहीं इस संबंध में पिछले दिनों शिक्षा निदेशालय पंचकूला ने डीईईओ कार्यालय से जेई को बुलाकर जिले के सभी स्कूलों को यूजर आईडी और पासवर्ड दिया है। जिसके तहत संचालकों को एडमिशन की डिटेल वेबसाइट पर लोड करनी है। सवाल यह है कि अगर स्कूल संचालक ही उसे खोल व देख सकेगा तो उसने नियमों की पालना की या नहीं की, इसकी पुष्टि कौन करेगा।
"विभाग के पास कोई एडमिशन नहीं होने की कोई शिकायत नहीं है। स्कूल संचालकों की ओर से कोई डाटा भी मुहैया नहीं कराया गया है। जिसके आधार पर बताया जा सके कि किस संचालक ने कितने पर्सेंट एडमिशन किए हैं। फिलहाल सभी स्कूलों को मामले से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन किसी ने डाटा नहीं दिया है।''-- परमेश्वरी हुड्डा, जिला शिक्षा अधिकारी, सोनीपत।
हाई कोर्ट ने दिया है यह निर्देश
पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने 20 नवंबर को जनहित याचिका पर धारा 134ए को लेकर निर्देश जारी किया है। जिसके तहत शिक्षण संस्थानों को 10 प्रतिशत एडमिशन कमजोर वर्ग के बच्चों का करना है। जिसके मद्देनजर प्रिंसिपल सेक्रेटरी गवर्नमेंट ऑफ हरियाणा स्कूल एजूकेशन डिपार्टमेंट सुरीना राजन ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र व्यवहार भी किया। जिसमें सभी स्कूल संचालकों को एडमिशन की लिस्ट को नोटिस बोर्ड पर चस्पा करने व जानकारी डीईओ को देने के निर्देश दिए हैं। यह कार्य 31 जनवरी तक हो जाना चाहिए था, लेकिन आज तक विभाग के पास कोई डाटा नहीं पहुंचा। इस धारा के तहत कक्षा एक से 12 तक के 10 प्रतिशत बच्चों को निजी स्कूल संचालकों को स्कूल में फ्री शिक्षा देना प्रस्तावित है। db
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