हिसार : बोगस विश्वविद्यालय की डिग्री का सहारा लेकर पीजीटी शिक्षक भर्ती होने वालों की मुश्किलें बढऩे वाली हैं। शिक्षा निदेशालय ने पीजीटी शिक्षकों की ज्वाइनिंग के साथ ही उनके प्रमाण पत्रों की जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऐसे में उन्हें नई नौकरी के साथ पहले वाली जॉब से भी बाहर हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक जिले में तीन चार पीजीटी के प्रमाण पत्र बोगस संस्थानों के पाए गए हैं।
बता दें कि पीजीटी के विभिन्न विषयों पर शिक्षकों की भर्ती को लेकर हरियाणा राज्य अध्यापक चयन बोर्ड की ओर से गणित, भूगोल, उर्दू, गृह विज्ञान, भौतिकी, रासायन शास्त्र, वाणिज्य, मनोविज्ञान, राजनीति शास्त्र, इतिहास, पंजाबी व समाजशास्त्री विषयों की चयन सूची जारी की थी। इसे लेकर काफी समय से पेंच अड़ा हुआ था। पिछले महीने हाईकोर्ट में पेंडिंग केस के दौरान एक आदेश के कारण शिक्षा विभाग ने रातों-रात व अवकाश के दिनों में भी पीजीटी को ज्वाइनिंग कराने की प्रक्रिया चली। प्रदेशभर में 5 हजार पदों पर पीजीटी नियुक्ति किए गए। कुछेक को स्टेशन अलॉट हो गए। बाद में इनके प्रमाण पत्र व डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन के आदेश जारी हुए। शिक्षा विभाग की ओर से कुछ बोगस यूनिवर्सिटियों की सूची भी अधिकारियों को भेज दी है। आदेश दिए कि जिन पीजीटी को ज्वाइन कराया जाना है, उनके शैक्षिक प्रमाण पत्र की पूरी तरह से जांच कर लें कि कहीं वह उन विश्वविद्यालयों के तो नहीं है।
बार-बार बुलाया पर नहीं गए
डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से आवेदकों को कई बार बुलाया गया, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। इस प्रक्रिया के अधर में होने के कारण अन्य कई पीजीटी की नियुक्ति पर भी असर पड़ रहा है। इससे पहले इन आवेदकों से संबंधित दस्तावेजों की जांच एससीईआरटी गुडग़ांव, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जहाजपुर हिसार, शिक्षक सदन पंचकूला व डाइट पंचकूला में हुई थी।
जिले में तीन चार उम्मीदवार
अधिकारियों के मुताबिक हिसार जिले के तीन चार उम्मीदवारों के प्रमाण पत्र ऐसे मिले हैं जो शिक्षा विभाग की सूची के मुताबिक बोगस विश्वविद्यालय से प्राप्त किए गए हैं। इस तरह से इन्हें पीजीटी की नौकरी भी नहीं मिलेगी व पहले की नौकरी भी गवाएंगे।
"शिक्षा विभाग बोगस विश्वविद्यालयों से प्रमाण पत्र लेने वालों को अध्यापक या किसी अन्य पद पर नियुक्त नहीं करेगा। इसके लिए संबंधित अधिकारी प्रमाण पत्रों को लेकर पूरी तरह से सजग हैं। पीजीटी के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों के यदि बोगस विश्वविद्यालयों के प्रमाण पत्र पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ जांच होगी।"--संतोष हुड्डा, डिप्टी डीईओ। db
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