हिसार : अतिथि अध्यापकों को ऑनलाइन डाटा फीड करने में परेशानी आ रही है। इस ऑनलाइन प्रक्रिया में उलङो अध्यापक न तो लॉग-इन कर पा रहे हैं और न ही डाटा फीड। अगर लॉग-इन कर भी लेते हैं तो प्रमाण-पत्र व डिग्रियों की स्कैन की गई कॉपी साइट पर अपलोड करने में घंटों बीत जाते हैं। ऐसे में अध्यापकों ने शिक्षा विभाग से इस प्रक्रिया के सरलीकरण की मांग की है।
प्रदेश में 15 हजार कार्यरत हैं। जिन्हें शिक्षा विभाग ने अपना-अपना बायोडाटा ऑनलाइन फीड करवाने के निर्देश दिए हैं। जब अध्यापकों ने शिक्षा विभाग की साइट पर ऑनलाइन डाटा फीड करना चाहा तो वे सफल नहीं हो पाए। कभी लॉग-इन नहीं कर पाते तो कभी प्रमाण-पत्र की कॉपी अपलोड नहीं हो पाती है। साइट पर बढ़ते लोड के कारण ही यह प्रक्रिया अध्यापकों के लिए सिरदर्द बन गई है। अतिथि अध्यापकों की मानें तो शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर लॉग-इन करने में ज्यादा दिक्कत आ रही है। जब वे लॉगिन करने के लिए दिए गए विकल्प में व्यक्तिगत मेल आइडी व पासवर्ड दर्ज करते हैं तो उसे सॉफ्टवेयर रिजेक्ट कर देता है। ऐसे में अध्यापक पहले चरण में ही लॉग-इन न कर पाने से हताश हो रहे हैं। इसके बाद अगर मेल आइडी व पासवर्ड को स्वीकार कर लिया जाता है तो उसमें मांगी गई जानकारियां दर्ज करने में काफी समय बीत जाता है। अंत में शैक्षणिक प्रमाण-पत्र व डिग्रियों को स्कैन कर साइट पर अपलोड करना भी आसान नहीं है। प्रत्येक प्रमाण-पत्र व डिग्री अपलोड करने में आधा घंटे से एक घंटे का समय लग रहा है।
नहीं हो रही सुनवाई
हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के अध्यक्ष ईश्वर शास्त्री का कहना है कि ऑनलाइन डाटा फीड करने में काफी दिक्कत आ रही है। लॉग-इन तक नहीं कर पा रहे हैं। शिक्षा विभाग की अपरिपक्व योजनाओं व नीतियों के कारण अध्यापकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
मामला संज्ञान में नहीं
डिप्टी डीईओ संतोष हुड्डा ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। अगर अध्यापकों को ऑनलाइन डाटा फीड करने में दिक्कत आ रही है, तो आपरेटर से इसकी जांच करवाएंगी।
यह दर्ज होगी जानकारी-
- वर्तमान में अध्यापक कहां में कार्यरत है।
- पहले कहां-कहां कार्यरत रह चुके हैं।
- किस विषय के अध्यापक हैं।
- कितने वर्षो का शैक्षणिक अनुभव है।
- पूरा व्यक्तिगत परिचय।
- शैक्षणिक प्रमाण-पत्र व डिग्रियां। dj
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