अब सरकारी स्कूलों में कोई टीचर लंबी छुट्टी पर जाता है तो बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी। इसके लिए 'स्टेपनी टीचर' यानी रिटायर्ड अध्यापकों की व्यवस्था होगी। अब रिटायर्ड अध्यापकों का पैनल तैयार किया जाएगा। इस पैनल में वरिष्ठता के साथ-साथ उनका नाम शामिल होगा जिनका रिकार्ड रिटायर्ड होने से पहले बेदाग होगा। इस व्यवस्था के लिए सरकार ने मंजूरी दे दी है।
अभी तक कोई अध्यापक लंबी छुट्टी पर जाता था तो उस विषय के बच्चों को बिना अध्यापक के ही काम चलाना पड़ता था। इसी कारण सरकारी स्कूलों में नतीजा खराब आता था। अब सरकार ने बच्चों के अच्छे नतीजे लाने के लिए सेवानिवृत्त अध्यापकों का सहारा लिया है। ये अध्यापक उन अध्यापकों का स्थान लेंगे जो किसी कारणवश लंबी छुट्टी पर चले जाते हैं। रिटायर्ड अध्यापकों का पैनल बनाने का कार्य हर साल जनवरी में पूरा किया जाएगा। इसी पैनल से पूरे शैक्षणिक स्तर के लिए खाली हो रहे पदों पर अध्यापक लगाए जाएंगे। अध्यापकों की ये होती हैं लंबी छुट्टियां
अध्यापक जब किसी बीमारी से ग्रसित होते हैं तो वे मेडिकल लीव लेते हैं। महिलाएं मेटरनिटी लीव लेती हैं जो लंबी छुट्टी होती हैं। इसके अलावा बच्चों के केयर के लिए महिलाओं को लीव दी जाती है। कई अध्यापक उच्च शिक्षा के लिए लंबी छुट्टी पर चले जाते हैं, ऐसे अध्यापकों की कमी को पूरी करने के लिए नई व्यवस्था की गई है। रिटायर्ड पीजीटी को सप्ताह में 36 पीरियड तथा टीजीटी के लिए 39 पीरियड पढ़ाना अनिवार्य है।
"सरकार ने यह व्यवस्था स्कूलों में छात्रों को अच्छी शिक्षा देने के लिए शुरू की है। सरकार रिटायर्ड अध्यापक को पढ़ाने की एवज में अच्छी सैलरी भी देगी।"--सुधीर कालड़ा, खंड शिक्षा अधिकारी, अम्बाला।
अच्छा वेतन मिलेगा
सरकार सेवानिवृत्त अध्यापकों को बच्चों को पढ़ाने की एवज में अच्छा वेतन भी देगी। जब तक सेवानिवृत्त अध्यापक पढ़ाएंगे तब तक पीजीटी को हर माह लगभग 17 हजार रुपए, टीजीटी को लगभग 15 हजार रुपए तथा प्राइमरी कक्षा पढ़ाने वाले अध्यापक को साढ़े 13 हजार रुपए वेतन मिलेगा। यह वेतन एंट्री लेवल पे बैंड तथा ग्रेड पे को मिलाकर दिया जाएगा।
ऐसे तैयार होगा पैनल
रिटायर्ड अध्यापक अपने निकटतम स्कूल को अपना आवेदन देंगे। यह आवेदन जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी तथा जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहुंचेंगे। दोनों अधिकारी टीजीटी तथा पीजीटी अध्यापकों का पैनल तैयार करेंगे। पैनल में जिले में तैनात कुल स्वीकृत पदों के पांच प्रतिशत अध्यापक शामिल किए जाएंगे। पैनल में उन्हीं अध्यापकों को लिया जाएगा जिनका रिटायर्ड होने से पहले का रिकार्ड बेहतर होगा। गोपनीय रिपोर्ट दस वर्षों की अच्छी होनी चाहिए। ऐसे अध्यापक के खिलाफ अनुशासनात्मक और आपराधिक मामला दर्ज नहीं होना चाहिए। dbambc
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