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Monday, 6 January 2014

मिलने चाहिए थे पूरे अंक पर मिला शून्य

** एमडीयू की मूल्यांकन व्यवस्था की एक बार फिर खुली पोल 
** सरिता दहिया फस्र्ट सेमेस्टर से ही करती रही है यूनिवर्सिटी लेवल पर टॉप 
तमाम दावों के बाद भी महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी के परीक्षा मूल्यांकन में गड़बड़ी खत्म नहीं हो रही है। सूचना अधिकार कानून के तहत एनएच-तीन डीएवी शताब्दी कॉलेज की छात्रा ने बीकॉम (टीपीपी) छठे सेमेस्टर इनकम टैक्स सबजेक्ट की उत्तरपुस्तिका मंगाने के बाद चौंकाने वाला खुलासा हुआ। जिन प्रश्नों के उत्तर काट दिए गए हैं। उसमें शत-प्रतिशत नंबर मिलने चाहिए थे। 
इस उत्तरपुस्तिका की जांच दो कॉलेजों के कॉमर्स प्रोफेसर ने किया। उनके मुताबिक छात्रा सरिता दहिया को 100 में 80 से अधिक अंक मिलने चाहिए थे। लेकिन लिखित में मिले हैं महज 35। कॉलेज द्वारा प्रैक्टिकल में मिले 10 अंक। इस तरह छात्रा को 45 अंक प्राप्त हुए। प्रश्न संख्या 2 व 5 के उत्तरों को काट दिया गया है। जो सही थे। इन प्रश्नों के अंक 18-18 थे। इतना ही नहीं प्रश्न संख्या 1 (ई) के उत्तर को काट दिया गया है। यूनिवर्सिटी की लापरवाही की वजह से लगातार परीक्षा परिणाम संबंधित गलतियां आ रही हैं। इसे लेकर जिले के विभिन्न कॉलेजों ने आंदोलन भी किया था। बाद में परीक्षा संबंधित गलतियों को सुधारने के लिए यूनिवर्सिटी स्तर पर कमेटी का गठन किया गया था। 
एमडीयू गलती मानने को तैयार नहीं 
यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि नंबर से संतुष्ट नहीं होने के बाद पुनर्मूल्यांकन का ऑप्शन होता है। पुनर्मूल्यांकन का आवेदन भी छात्रा द्वारा किया गया है। लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला। सरिता के पिता राजपाल दहिया के अनुसार इस संबंध में वाइस चांसलर को आवेदन के माध्यम से अवगत कराया गया है। अभी तक किसी तरह की सूचना नहीं मिली है। 
"ऐसे मामलों के लिए पुनर्मूल्यांकन कराने की व्यवस्था है। अगर जीरो अंक मिले हैं तो उत्तर गलत होगा। कॉपी जांच गंभीरता से की जाती है।"-बीएस सिंधू, परीक्षा नियंत्रक, एमडीयू                             dbfb

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