फतेहाबाद : शहर की बुढलाडिया बस्ती में एसएस अध्यापिका लक्ष्मी धारनियां को शिक्षा विभाग ने एक ही वर्ष में रेगुलर दो डिग्री करने की दोषी पाया है। खंड शिक्षा अधिकारी सदानंद वत्स ने इस मामले की जांच 24 सितंबर 2013 करते हुए उक्त अध्यापिका को दोषी करार दिया है। इस संबंध में उन्होंने अध्यापिका के खिलाफ आगामी कार्रवाई करने के लिए विभाग के निदेशक को रिपोर्ट भेजी है।विभाग की ओर से फतेहाबाद खंड शिक्षा अधिकारी सदानंद वत्स ने इस मामले की जांच 24 सितंबर 2013 को की थी। जिसमें अध्यापिका को दोषी पाया गया। आरोपी अध्यापिका ने वर्ष 1994-95 में जीईटीटी आदमपुर से डीएड में रेगुलर एडमिशन ले रखा था जबकि और उसने 1995 में ही एमएम कॉलेज से रेगुलर बीए प्रथम वर्ष की परीक्षा भी पास की।
ये है टीचर का कार्यकाल
लक्ष्मी धारनियां ने डीएड डिप्लोमा के आधार पर 2 दिसंबर 1997 को जेबीटी अध्यापिका के पद पर नियुक्ति पाई। लगभग 13 साल तक इस पद पर रहने के बाद अध्यापिका ने 10 अक्टूबर 2010 को ग्रेजुएशन डिग्री के आधार पर प्रमोशन भी पा लिया। प्रमोशन के बाद वे जेबीटी से एसएस अध्यापिका बन गई।
ये हो सकती है कार्रवाई
इस प्रकार के केस में विभाग दोषी पर सर्विस रुल सेक्शन 7 के तहत विभाग अध्यापिका पर धोखाधड़ी का केस दर्ज करवा इंक्रीमेंट रोक सकता है। यदि विभाग सख्ती से पेश आए तो अध्यापिका को टर्मिनेट करके वेतन की रिकवरी भी वसूल कर सकता है।
दोनों डिग्रियों की डेट अलग हैं: लक्ष्मी
एसएस अध्यापिका लक्ष्मी धारनियां का कहना है कि दोनों डिग्रियां एक ही वर्ष में की गई हैं, लेकिन उनकी डेट अलग-अलग हैं। इस दौरान मेरी दोनों संस्थानों में एक साथ हाजरी भी नहीं है।
मैने जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी: डीईईओ
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी मधु बाला ने कहा कि विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर अध्यापिका पर आगामी कार्रवाई के लिए विभाग के उच्चाधिकारियों को जांच रिपोर्ट भेज दी गई है। db
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