** जिलेभर के सैकड़ों पीजीटी शिक्षक एक महीने से स्टेशन के इंतजार में
** ज्वाइनिंग के लिए तेजी दिखाई, अब सुस्त हुआ विभाग
कुरुक्षेत्र : प्रदेश सरकार ने स्कूलों में पीजीटी शिक्षकों को ज्वाइनिंग देने में तो पूरी तेजी दिखाई। लेकिन स्टेशन देने में यही तेजी लापरवाही और लेट-लतीफी में बदल गई। एक महीने से शिक्षक खाली घूम रहे हैं। साथ ही पूछ रहे हैं कि हम कहां पढ़ाएं। 14 दिसंबर को जिलाभर के करीब 250 से ज्यादा पीजीटी शिक्षकों की भर्ती हुई थी। ज्वाइनिंग को एक महीना गुजर चुका है लेकिन शिक्षकों को अब तक स्टेशन ही नहीं मिल पाए हैं। जिसके कारण शिक्षक दर-दर भटक रहे हैं।
शिक्षकों ने सवाल उठाया कि जब उन्हें स्टेशन ही नहीं देने थे तो ज्वाइनिंग में इतनी जल्दबाजी क्यों बरती गई। कहा कि एक महीना उनकी ज्वाइनिंग को पूरा हो चुका है, अब तक उन्हें वेतन भी नहीं मिल पाया है। ऐसे में घर कैसे चलाएं, प्रदेश सरकार इसका भी जवाब दे। शिक्षक जिला स्तर से लेकर पंचकूला में शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों के पास चक्कर लगा चुके हैं। इसके बावजूद उन्हें परिणाम नहीं बल्कि आश्वासन ही मिल पाया है।
दे रखा है तीन महीनों का वेतन:
शिक्षक अजय चौहान, प्रवीण, प्रवीण सैनी, रविंद्र, अरुण, देवेंद्र, रघुबीर और सोनिया गुप्ता ने बताया कि वे पीजीटी शिक्षक लगने से पहले प्राइवेट स्कूलों में शिक्षक थे। पीजीटी शिक्षक के लिए एकदम से ज्वाइनिंग के आदेश आए थे, जिस कारण वे अपने संबंधित प्राइवेट स्कूलों की मैनेजमेंट को नोटिस भी नहीं दे पाए। इसके चलते उन्हें तीन महीने का अपना वेतन स्कूल में जमा कराना पड़ा। इसके बाद ही वे पीजीटी शिक्षक के लिए ज्वाइनिंग दे पाए। शिक्षकों ने बताया कि अधिकतर शिक्षकों का वेतन 20 से 30 हजार रुपए के बीच में था। ऐसे में उन्हें 60 से 90 हजार रुपए स्कूल में ही जमा कराने पड़ गए। वहीं अब तक स्टेशन ना मिलने के कारण उनका वेतन भी नहीं आ पाया है। जिसके कारण घर चलाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षकों ने कहा कि जल्द से जल्द उन्हें स्टेशन अलाट किए जाएं। ताकि उन्हें सही मायने में नौकरी मिल सके।
पंचकूला से भी बस आश्वासन:
शिक्षक विनोद, अमन और विकास ने बताया कि स्टेशन अलॉट कराने और अपना वेतन बनवाने की मांग को लेकर पीजीटी शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल पंचकूला भी पहुंचा। पंचकूला के अधिकारियों ने भी उन्हें एक सप्ताह में स्टेशन देने का आश्वासन देकर घर भेज दिया। सप्ताह तो बीत चुका है लेकिन अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो पाई है। वहीं इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में भी कई बार पीजीटी शिक्षक मिल चुके हैं लेकिन कोई बात नहीं बन पाई है। शिक्षकों ने बताया कि उन्होंने चारों कक्षाओं के इंडक्शन प्रोग्राम को भी पूरा कर लिया है। इसके बावजूद उन्हें स्टेशन नहीं मिल पा रहे हैं।
निदेशक स्तर पर करें बात
जिला शिक्षा अधिकारी सुनीता देवी ने बताया कि पीजीटी शिक्षकों को स्टेशन अलॉट ना होने का मामला उनके संज्ञान में है लेकिन इसमें वे कुछ नहीं कर सकती। इसके बारे में निदेशक स्तर पर ही बात करें। उन्होंने कहा कि निदेशक स्तर से ही यह बताया जा सकता है कि शिक्षकों को स्टेशन कब तक अलॉट किए जाएंगे। साथ ही उनके वेतन के बारे में भी वहीं से कंफर्म हो पाएगा।
जाएं तो जाएं कहां
शिक्षकों ने कहा कि अब वे सभी सोचने पर मजबूर हैं कि स्टेशन पाने और वेतन के लिए वे आखिर जाएं तो जाएं कहां। शिक्षकों ने कहा कि प्रदेश सरकार को शिक्षकों की आर्थिक स्थिति को समझना चाहिए। जिसके चलते तुरंत उन्हें स्टेशन दिए जाएं और उनका वेतन भी शुरू किया जाए। वहीं 14 दिसंबर से ही उनका वेतन बने। शिक्षकों ने बताया कि कई पीजीटी शिक्षकों की तो आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। db
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