** हसला ने चेताया: 21 को भी बात नहीं बनी तो 7 मार्च की बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी व मूल्यांकन का करेंगे बहिष्कार
** विदित है कि प्रदेशभर के 33,976 प्राध्यापक अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं।
हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन (हसला) के प्रतिनिधिमंडल ने 28 नवंबर को हुई बैठक के निर्णय को लेकर शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों से मुलाकात की। मंगलवार को चंडीगढ़ में शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव व निदेशकों के साथ करीब 3 घंटे तक चली बैठक में भी कोई समाधान नहीं निकला। अब दोबारा से शुक्रवार को सुबह 10 बजे प्राध्यापकों को बैठक के लिए बुलाया गया है। वहीं, हसला ने चेतावनी दी है कि अगर 21 फरवरी की बैठक में कोई बात नहीं बनी तो वह प्रदेशस्तरीय बैठक कर 7 मार्च को शुरू होने वाली बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी देने व उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार करेंगे।
मंगलवार शाम 4 बजे, शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव सुरीना राजन, निदेशक चंद्रशेखर, अतिरिक्त निदेशक गीता भारती व सुमेधा कटारिया की बैठक में हसला के प्रदेशाध्यक्ष दयानंद दलाल ने बताया कि 28 नवंबर को प्रदेश सरकार के साथ उनके संगठन की उच्चस्तरीय बैठक हुई। जिसमें मांगों पर सहमति बनने के बाद ही आंदोलन वापस ले लिया गया। उस समय कमेटी ने 15 दिनों का समय देते हुए वेतन विसंगति को दूर करने के साथ अन्य मांगों को भी लागू करने का ठोस आश्वासन दिया। ढाई माह से अधिक समय हो गया है, लेकिन अब तक कोई लिखित या मौखिक जवाब नहीं आया है। इसे लेकर वे कई बार शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों से संपर्क भी कर चुके हैं, लेकिन परिणाम सिफर रहे। उन्होंने बताया कि उनकी मांगें जायज हैं और इन्हें लागू कर देने से बोर्ड पर कोई वित्तीय भार भी नहीं पड़ेगा।
28 नवंबर को किया था सहमति का दावा
- पंजाब व हिमाचल की तर्ज पर 5400 ग्रेड पे दिया जाए।
- 100 प्रतिशत प्राचार्य पद पर पदोन्नति लेक्चरर फीडिंग कैडर से हो।
- नवनियुक्त प्राध्यापकों का पद नाम पीजीटी से बदलकर लेक्चरर करना।
- उच्च योग्यता प्राप्त प्राध्यापकों को उच्चतर शिक्षा संस्थानों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति का कोटा प्रदान करना। dbrtk
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