चंडीगढ़ : नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर आमरण अनशन कर रहे अतिथि अध्यापकों और हरियाणा सरकार के बीच तकरार बढ़ गई है। रविवार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अतिथि अध्यापकों को आमरण अनशन खत्म कर वार्ता के लिए आने का न्योता दिया, जिसे उन्होंने एक सुर में नकार दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री की आमरण अनशन तोड़ने की शर्त को गलत करार देते हुए, आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है।
सरकारी स्कूलों में अवकाश होने के कारण सैकड़ों गेस्ट टीचर रविवार को दिल्ली पहुंचे थे। इनका कार्यक्रम कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के आवास का घेराव करने का था, लेकिन अचानक रणनीति में परिवर्तन करते हुए अतिथि अध्यापकों ने दोपहर बारह बजे मुख्यमंत्री हुड्डा के दिल्ली स्थित निवास पर धरना दे दिया। गेस्ट टीचर चार बजे तक प्रदर्शन करते रहे। इस दौरान निवास की सुरक्षा में तैनात अधिकारियों ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। अंतत उन्होंने मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी दी। उन्होंने सोमवार को सुबह दस बजे गेस्ट टीचर को वार्ता के लिए बुलाने का समय दे दिया। मगर रविवार को ही बातचीत करने पर अड़े गेस्ट टीचर ने इसे ठुकरा दिया। गेस्ट टीचर का रवैया देखते हुए सीएम आवास पर धारा 144 लगा दी गई। बावजूद इसके गेस्ट टीचर जमे रहे। इसे देखते हुए सुरक्षा अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से दोबारा बातचीत की। इस पर उन्होंने शाम छह बजे गेस्ट टीचर को बातचीत के लिए बुला लिया। शशि भूषण, रघुवीर नरैल, राजेश खत्री, धर्मवीर कौशिक, कृष्ण व नरेंद्र का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री निवास पर वार्ता के लिए तो पहुंच गया, लेकिन भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इन्हें दो टूक कह दिया कि जब तक वे आमरण अनशन खत्म नहीं करेंगे, उनसे वार्ता नहीं की जाएगी। अगर वे अनशन खत्म कर रहे हैं तो सोमवार को साढ़े बारह बजे दोबारा बातचीत के लिए आ सकते हैं। शर्त सुनते ही वार्ता के लिए गए प्रतिनिधिमंडल ने आमरण अनशन पर बैठे साथियों व संघ के अध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री से संपर्क साधा। इस पर अतिथि अध्यापक संघ के अध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री ने मुख्यमंत्री की पेशकश ठुकरा दी और आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया। dj
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