शिक्षा विभाग बेशक बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के दावे कर रहा हो, लेकिन उसके दावों की सच्चाई की पोल खुलती नजर आती है। इस समय बच्चों की वार्षिक परीक्षाएं सिर पर आ गई है। शिक्षकों को इस समय स्कूलों में बच्चों का सिलेबस पूरा करने व रिवीजन कराने में लगा होना चाहिए, लेकिन एससीइआरटी द्वारा इसी समय ट्रेनिंग प्रदान करने का काम किया जा रहा है। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
एससीईआरटी द्वारा गुड़गांव तथा जिला स्तर पर डाइट में साइंस, मैथ तथा जेबीटी शिक्षकों की ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किए जा रहे हैं। फिलहाल एससीईआरटी द्वारा जेबीटी शिक्षकों की ट्रेनिंग आयोजित की जा रही है। हर ब्लाक से 15 से 20 जेबीटी शिक्षकों की ट्रेनिंग डाइट में कराई जा रही है। इसी प्रकार से गुड़गांव एससीईआरटी में भी यह ट्रेनिंग प्रोग्राम जारी है। एससीआरईआर द्वारा फिलहाल जेबीटी की ट्रेनिंग कराई जा रही है जबकि गणित शिक्षकों की ट्रेनिंग का काम पूरा हो चुका है। इसी प्रकार से विज्ञान विषय के मास्टरों की ट्रेनिंग जींद में आगामी 17 फरवरी से शुरू की जा रही है। इसी प्रकार से अन्य जिलों में भी यह कार्यक्रम अलग-अलग तिथियों में कराए जा रहे हैं। इसके चलते संबंधित स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जिस समय शिक्षकों को स्कूल में होना चाहिए और बच्चों का सिलेबस व रिवीजन का काम पूरा कराया जाना चाहिए, उस समय शिक्षक ट्रेनिंग में व्यस्त हैं। काबिल-ए-जिक्र है कि आगामी सात मार्च से दसवीं व बारहवीं की वार्षिक बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली है। इसी प्रकार से अन्य कक्षाओं का भी वार्षिक मूल्यांकन किया जाना है, लेकिन शिक्षक इस समय ट्रेनिंग पूरी करने में लगे हुए हैं। हरियाणा राजकीय स्कूल प्रिंसिपल एसोसिएशन के पूर्व प्रधान रमेशचंद्र मलिक ने कहा कि शिक्षकों को प्रदान की जाने वाली ट्रेनिंग काफी बेहतर होती है, जिसमें शिक्षकों को कुछ नया सीखने को मिलता है। लेकिन एससीईआरटी को चाहिए कि इस प्रकार की ट्रेनिंग वार्षिक परीक्षाओं के नजदीक करने की बजाय परीक्षाओं के बाद ही की जानी चाहिए, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। djjnd
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