कैथल : अध्यापक संघ ने आंकलन परीक्षा का विरोध करने का निर्णय लिया है। 26 व 30 मई को होनी वाली आंकलन परीक्षा का प्रदेश के शिक्षक एकज़ुट होकर विरोध करेंगे। अध्यापक परीक्षा केंद्रों पर विभाग द्वारा ली जाने वाली परीक्षा का बहिष्कार करेंगे। शिक्षकों के विरोध को देखते हुए प्रधान शिक्षा सचिव सुरीना राजन ने महानिदेशक कार्यालय में अध्यापक संघ के प्रतिनिधि मंडल को बातचीत के लिए बुलाया है।
लेकिन वे अपनी मांगों से कभी समझौता नहीं करेंगे। जींद रोड अग्रसेन धर्मशाला में आयोजित बैठक में हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ-७० संबद्ध कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने प्रेस ब्यान में कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं हरियाणा सरकार के बीच तालमेल की कमीं है। विभाग के आलाधिकारियों द्वारा शिक्षा एवं शिक्षकों से जुड़े फैसले लिए जाते रहे हैं। जिसका सरकार एवं शिक्षामंत्री को पता ही नहीं होता। इसका खुलासा स्वयं शिक्षामंत्री द्वारा किया गया। शिक्षा सुधारीकरण के नाम पर शिक्षा विभाग को प्रयोगशाला बनाकर रख दिया गया है। प्रतिदिन नई योजना शुरू की जाती है। कुछ समय बाद ये योजनाएं दम तोड़ देती हैं। क्योंकि वातानुकूलित कमरों में बैठकर बनाई गई योजनाओं का जमीनी हकीकतों से दूर-दूर तक कोई सरोकार नहीं होता। अध्यापक संघ के जिला अध्यक्ष संदीप शर्मा एवं जिला चेयरमैन ईश्वर ढांडा ने कहा कि अध्यापक संघ के कर्मठ कार्यकर्ता शिक्षकों प्रतांडित करने वाली इस आंकलन परीक्षा का बहिष्कार किया जाएगा।
जिले के अन्य अध्यापकों को भी जागरूक किया जाएगा। प्रदेश उपमहासचिव डा. रामनिवास शर्मा व प्रदेश सहकोषाध्यक्ष सतीश यादव ने कहा कि एक ओर तो सरकार शिक्षा के सुधारीकरण की बात करती है और दूसरी तरफ अध्यापकों पर गैर-शिक्षणिक कार्यों जैसे मिड डै मील योजना, निर्माण कार्य करवाना, सर्वे करवाना, बीएलओ ड्यूटी करवाना, प्रोत्साहन राशि वितरण, बच्चों के बैंक खाते खुलवाना जैसे कई कार्य लाद दिए जाते हैं। db
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.