स्वतंत्र मिडिल स्कूलों में कार्यरत मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों को आहरण वितरण अधिकार दिए गए हैं। इसे लेकर शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव सुरीना राजन ने पत्र (क्रमांक 15/62-13एचआरएम-11(1) जारी कर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इससे प्रदेश के 5548 मिडिल हेडमास्टर लाभान्वित होंगे।
स्वतंत्र मिडिल स्कूलों में कार्यरत मुख्याध्यापकों को वित्तीय पावर देने और सभी मौलिक स्कूल प्रमुखों की भूमिका व दायित्व तय करने के लिए फाइल शिक्षा विभाग को भेजी गई थी। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन इस संबंध में मांग उठा रही थी। एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रमेश मलिक और मुख्य संरक्षक सतपाल बूरा ने कहा कि मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों को उनके अधिकार मिल गए हैं। एसोसिएशन के तर्कों के आधार पर ही मिडिल स्कूलों प्रमुखों को वित्तीय अधिकारी घोषित करने का मामला वित्त विभाग को भेजा गया था। ५ सितंबर 2013 को वित्त विभाग ने इसे मंजूरी दे दी थी। उसके बाद से यह मामला अटका हुआ था। मास्टर वर्ग एसोसिएशन मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों को द्वितीय श्रेणी का दर्जा देने की मांग भी कर रही है। इसी संबंध में एसोसिएशन ने एक दिसंबर 2013 को झज्जर में शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के निवास और फिर सभी जिलो में मंत्रियों के निवास पर प्रदर्शन किए गए थे। इसी संबंध में पिछले साल 19 दिसंबर को शिक्षा मंत्री व अन्य अधिकारियों के साथ एसोसिएशन की बैठक भी हुई थी।
ये अधिकार मिले
- स्वतंत्र मिडिल स्कूल हेडमास्टर को वित्तीय पावर मिली।
- हाई व सीनियर सेकेंरी स्कूलों में तैनात मिडल स्कूल हेडमास्टर को कक्षा 1 से 8 तक के वित्तीय अधिकार मिलेंगे।
- एसएमसी के सभी काम और मिड-डे मील से संबंधित काम मिड स्कूल हेडमास्टर के अधिकार क्षेत्र में होंगे। dbjnd
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