** ऑनलाइन निर्धारित फारमेट में जमा करनी होगी सूचना, सूचना न देने वाले पर कार्रवाई का किया प्रावधान
शिक्षा विभाग ने उन निजी स्कूल संचालकों को परेशानी में डाल दिया है जो अपनी कई जानकारी अभी तक छुपाते चले आ रहे थे। अब उन्हें स्कूल के निर्माण से लेकर वसूल किए जाने वाली फीस तथा खर्च का पूरा ब्यौरा देना होगा। अगर यह जानकारी निर्धारित फारमेट में ऑनलाइन उपलब्ध नहीं करवाई गई तो शिक्षा विभाग की ओर से विभागीय कार्रवाई किए जाने का प्रावधान भी है।
गौरतलब है कि इससे पूर्व शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को फार्म छह भरने के लिए कहा था, लेकिन हरियाणा संयुक्त विद्यालय संघ को यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि उनके पास तो अभी तक इसकी सूचना ही नहीं है। संघ के सोनीपत जिला प्रधान अजमेर सिंह ने कहा कि विभाग की ओर से इस संदर्भ में हमें कोई जानकारी अथवा फार्म नहीं दिया गया। संघ के प्रवक्ता धर्मप्रकाश आर्य का कहना है कि उनके पास जब नोटिस आएगा तब इस पर विचार किया जाएगा।
हाईकोर्ट जाएगी यह रिपोर्ट
शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों से तीन साल के हर उस ब्यौरे को मांगा गया है, जिससे बच्चे, उनके अभिभावक व शिक्षा विभाग कहीं न कहीं प्रभावित होता है। इस पूरे विवरण को जिस फार्मेट में दिया जाएगा, उसे बैलेंस शीट का नाम दिया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा प्राइवेट स्कूलों से जो सूचना ली जाएगी, वह पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा गठित कमेटी को भेजी जाएगी। यह कमेटी खुद हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए बनाई थी। dbpnpt
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