चंडीगढ़ : प्रदेश के निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के मुफ्त दाखिलों को लेकर शिक्षा विभाग की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। अब जिला स्तर पर लर्निग लेवल एसेसमेंट (सीखने के स्तर का आंकलन) कर पेंच अड़ा दिया है। यह आंकलन कौन करेगा और उसका क्या पैमाना होगा, शिक्षा विभाग के अधिकारी यह अभी तक तय नहीं कर पाए हैं। अभिभावकों को आशंका है कि इस आंकलन की आड़ में शिक्षा विभाग के अधिकारी उनके दाखिलों में अड़चन पैदा कर सकते हैं। शिक्षा विभाग के महानिदेशक चंद्रशेखर के तबादले के बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारियों के तुगलकी फरमान थम नहीं रहे हैं। मौलिक शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर कहा गया है कि कक्षा तीन से दस तथा बारहवीं में मुफ्त दाखिलों के लिए 11 मई को जिला स्तर पर प्रक्रिया शुरू की जाए। इन कक्षाओं में दाखिला चाहने वाले गरीब बच्चों की संख्या करीब 32 हजार है। शिक्षा विभाग ने एक काम जरूर अच्छा किया है। दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के संयोजक सत्यवीर सिंह हुड्डा का कहना है कि कक्षा तीन से दस तथा बारहवीं के लिए जिला स्तर पर लर्निग लेवल एसेसमेंट की जरूरत नहीं है। इस टेस्ट की आड़ में बच्चों के दाखिलों में पेंच फंसाया जा सकता है। इसे रोकने की जरूरत है। इस बारे में जल्दी ही शिक्षा सचिव सुरीना राजन और शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के साथ-साथ नए शिक्षा महानिदेशक विवेक अत्रे से मुलाकात की जाएगी। dj
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