** हरियाणा राजकीय कॉलेज शिक्षक संघ राज्य कार्यकारिणी ने जींद में लिया फैसला
जींद : राज्य सरकार द्वारा कॉलेज कैडर शिक्षकों पर यूजीसी के नियमों से अलग बढ़ाए वर्कलोड के विरोध में अब कॉलेज शिक्षक उतर आए हैं। सरकार ने अगर इस वर्कलोड को कम नहीं किया तो कॉलेज शिक्षक आंदोलन की राह अपनाएंगे। यह फैसला रविवार को जींद के राजकीय पीजी कॉलेज में हुई हरियाणा राजकीय कॉलेज शिक्षक संघ की राज्यकार्यकारिणी की मीटिंग में सर्वसम्मति से लिया गया। नई कार्यकारिणी के चुनाव के बाद पहली मीटिंग नवनियुक्त राज्य प्रधान डॉ. संदीप कंधवाल की अध्यक्षता में हुई। इसमें प्रदेशभर के राजकीय कॉलेजों के शिक्षकों ने भाग लिया।
नहीं मिल रहा पूरा लाभ :
राज्य प्रधान डॉ. संदीप कंधवाल ने प्रदेशभर से आए राजकीय कॉलेजों के शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा से जुड़े विषयों पर हम गंभीर हैं। एक तरफ तो सरकार के निर्देशानुसार शिक्षकों को ग्रामीण सेवा करनी जरूरी है, दूसरी तरफ सरकार ग्रामीण कॉलेजों में शिक्षकों को ज्वाइन ही नहीं करा रही। इतना ही नहीं सरकार शिक्षकों के स्केल रोकने की कार्रवाई कर रही है, जिसका संघ विरोध करता है। गर्मी की छुट्टियों में शिक्षकों से सरकार तरह-तरह की ड्यूटी करवाती है, लेकिन अर्नड लीव का लाभ नहीं देती। राज्य प्रधान ने कहा कि वे कॉलेज शिक्षकों के हितों को लेकर पूरी तरह से गंभीर हैं और उनके साथ किसी भी प्रकार की ज्यादती नहीं होने दी जाएगी। हम संघर्ष करेंगे और अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए सरकार के पास जाएंगे। फिलहाल आचार संहिता लगी हुई है।
मांगें पूरी नहीं तो करेंगे संघर्ष :
बैठक में आल इंडिया फेडरेशन आफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज आर्गेनाइजेशन के जोनल सेक्रेटरी डॉ. इकबाल संधू, संघ की वाइस प्रेसिडेंट निताशा जून, जनरल सेक्रेटरी रामप्रताप, ज्वाइंट सेक्रेटरी सुशील, संगठन सचिव सुशील कुमार, कोषाध्यक्ष जेएस दूहन समेत कई वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर मांगों से संबंधित 6 प्रस्ताव पारित किए गए। निर्णय लिया गया कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो राजकीय कॉलेजों के शिक्षक 1 जुलाई नए सत्र से आंदोलन का बिगुल बजाएंगे। db
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