सरकारी अध्यापकों की योग्यता का आंकलन करने के लिए परीक्षा का प्रदेश भर में विरोध तेज हो गया है। परीक्षा की तारीख 29 मई है लेकिन 21 मई से ही प्रदेश में कई जिलों में शिक्षक संघों ने शिक्षा अधिकारियों के घेराव का ऐलान कर दिया गया है। शिक्षक संघ परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं। नहीं तो इसका बहिष्कार करने की चेतावनी दे चुके हैं। दूसरी तरफ अध्यापक संगठन मांग कर रहे हैं कि यदि शिक्षा विभाग अध्यापकों की परीक्षा ले रहा है तो अफसरों की भी परीक्षा होनी चाहिए।
कैथल में हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश लेखा परीक्षक जयप्रकाश शास्त्री व प्रदेश उपाध्यक्ष सुमित्रा ने कहा कि शिक्षा विभाग नए-नए प्रयोग करके बच्चों की पढ़ाई और अध्यापकों का समय बर्बाद कर रहा है। इधर, यमुनानगर में हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ की बैठक में जिला प्रधान उमेश प्रताप वत्स ने कहा कि शिक्षा विभाग में उच्च स्तर पर कई आईएएस अफसर लगे हैं। यदि अध्यापकों की योग्यता का आंकलन किया जा रहा है तो इन अफसरों को भी दोबारा आईएएस परीक्षा पास करनी चाहिए।साथ ही जिला शिक्षा एवं उपजिला शिक्षा अधिकारी भी परीक्षा के दौर से गुजरे। पहले ऊपर से लेकर नीचे तक सब अधिकारियों एवं उच्चाधिकारियों की परीक्षा हो तब अध्यापक समाज भी परीक्षा देने के लिए तैयार हो जाएगा।
क्या है इस परीक्षा के पीछे विभाग का तर्क
सरकारी स्कूलों में लगे शिक्षकों की योग्यता का आंकलन करने के लिए शिक्षा विभाग ने यह परीक्षा रखी है। अफसरों का तर्क है कि शिक्षकों का स्तर अच्छा होगा तो शिक्षा की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। यह परीक्षा खंड स्तर पर ली जानी है।
परीक्षा की ये हैं तारीख :
26 मई से लेकर 30 मई तक सभी पीआरटी, ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) और पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) की परीक्षा खंड स्तर पर होगी।
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