** 10 वीं,12वीं पढ़ाई के मेडिकल व इंजीनियरिंग की तैयारी करने वालों पर सीबीएसई कसेगी शिकंजा
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के स्कूलों में दसवीं से 12वीं पढऩे वाले छात्रों को सावधान होने की जरूरत है। क्योंकि सीबीएसई ने क्लास में गैरहाजिर हो कर मेडिकल या इंजीनियरिंग की तैयारी करने के लिए कोचिंग जाने वाले छात्रों पर शिकंजा कसने जा रही है। सख्ती दिखाते हुए सीबीएसई ने स्कूलों में चेकिंग के लिए एक टीम बनाई है।
यह टीम स्कूलों में 10वीं व 12वीं कक्षा के छात्रों की हाजिरी चेक करेगी। स्कूलों में यह सूचना भेज दी गई है। सीनियर सेकंडरी कक्षा के छात्र स्कूल में क्लास से ज्यादा आने वाली प्रतियोगी जैसी इंजीनियरिंग व मेडिकल की तैयारी को अधिक समय देते हैं। इसके लिए कोचिंग संस्थानों में नियमित कक्षा में शामिल होते हैं। ऐसे में स्कूलों की कक्षाओं में छात्रों की हाजिरी कम हो जाती है। इसकी शिकायतें बोर्ड को मिली हंै। जिससे बोर्ड ने यह कदम उठाया है। स्कूलों का औचक निरीक्षण करने के लिए गठित टीम में सीबीएसई से जुड़े शिक्षकों को रखा गया है।
75 प्रतिशत हाजिरी अनिवार्य
स्कूलों को जारी निर्देश में सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि स्कूल में छात्रों के लिए 75 प्रतिशत हाजिरी अनिवार्य है। लेकिन पिछले कुछ समय से बोर्ड को लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति कम है। इसी के चलते बोर्ड ने हाल ही में सरप्राइज चेकिंग के संबंध में स्कूलों को पत्र जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि स्कूलों में छात्र नियमित कक्षा में हाजिर नहीं हो रहे हैं। छात्र मेडिकल, सीए या इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए स्कूल समय में कोचिंग क्लास लेते हैं। टीम स्कूलों में चेकिंग शुरू करेगी।
इसलिए हो रही चेकिंग
बोर्ड का मानना है कि कक्षा 10वीं और 12वीं के रिजल्ट में गिरावट आ रही है। स्कूल प्रबंधक बोर्ड द्वारा जारी होने वाले पत्र को गंभीरता से नहीं लेते हैं। कोचिंग इंस्टीट्यूट को बढ़ावा देने के संबंधी शिकायत आ रही थी। एक सेमेस्टर के बाद तो छात्रों की संख्या काफी कम हो जाती है।
यह हो सकती है सजा
बोर्ड द्वारा गठित स्पेशल इंस्पेक्शन टीम स्कूलों का निरीक्षण करेगी। यदि टीम को 10वीं व 12वीं में छात्रों की संख्या कम मिली तो स्कूल प्रबंधन से जवाब मांगा जाएगा। स्कूलों की गलती पाई जाने पर डाउन-ग्रेड किया जा सकता है। सबसे बड़ी सजा तो यह होगी कि यदि स्कूल की मान्यता 12वीं तक है तो उसकी मान्यता 10वीं तक भी की जा सकती है। छात्रों की संख्या भी घटाई जा सकती है। स्कूल की मान्यता भी रद्द की जा सकती है। वहीं छात्रों को परीक्षा देने से रोका जा सकता है
"सीबीएसई स्कूलों में कम हाजिरी को लेकर सरप्राइज चेकिंग की जाएगी। पहले दिल्ली के स्कूलों की होगी। उसके बाद एनसीआर के स्कूलों में किया जाएगा।"--एसएस गुसांई, प्रदेश अध्यक्ष, हरियाणा स्कूल प्रोग्रेसिव कांफ्रेंस dbgrgn
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