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Friday, 2 May 2014

स्कूलों की बढ़ रही मनमानी, अभिभावकों की परेशानी

** प्राइवेट स्कूल के खिलाफ अभिभावकों ने दी डीसी को शिकायत 
कुरुक्षेत्र : स्कूलों की मनमानी से अभिभावकों की परेशानी बढ़ती जा रही है। ऐसे में अगर स्कूल अभिभावकों से पैसे भी मनमर्जी के लें और आपके बच्चे को शिक्षा भी अच्छी ना मिले तो अभिभावकों का गुस्सा और अधिक बढ़ जाता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें अभिभावक ने स्कूल प्रशासन पर गलत रवैये का आरोप लगाकर न सिर्फ अपनी लड़की को स्कूल से हटाया,बल्कि स्कूल प्रशासन की डीसी को लिखित में शिकायत भी दी। 
एसडीएम थानेसर ने दोनों पक्षों को बुलाया और मामले की जांच की। अब इस मामले में 13 मई को दोबारा दोनों पक्षों को बुलाया गया है, ताकि मामले में फैसला लिया जा सके। 
प्रशासन को देंगे पूरी रिपोर्ट 
सहारा कंप्रहेंसिव स्कूल की प्राचार्या चेष्ठा सलूजा ने कहा कि स्केट्स अभिभावकों को देना स्कूल की जिम्मेदारी है। जिस दिन अभिभावक उनके पास आए थे, उस दिन स्केट्स मिल नहीं पाए थे। इसके चलते उन्हें बाद में स्केट्स ले जाने के लिए कहा गया था। वहीं ड्राइवर के लाइसेंस बारे में उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में स्कूल बस ड्राइवर बड़ी मुश्किल से मिलते हैं। इसके चलते स्कूल प्रबंधन को देखना पड़ता है। चेष्ठा सलूजा ने कहा कि एसडीएम के सामने भी उन्होंने स्कूल का पक्ष रखा था। प्रशासन को सभी शिकायतों के जवाब की पूरी रिपोर्ट दी जाएगी। 
स्कूल की गलत नीतियों से परेशान
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर विभाग के शिक्षक डॉ. चंद्रकांत ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी का दाखिला सहारा कंप्रहेंसिव स्कूल खेड़ी रामनगर में कराया था। दाखिले के बाद से ही उनकी बेटी का पढ़ाई का स्तर लगातार गिरता गया, जिसके बारे में कई बार स्कूल को शिकायत भी की। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। डॉ. चंद्रकांत ने बताया कि उनसे स्केट्स मंगवाए गए लेकिन उनकी बेटी को एक भी दिन स्केटिंग नहीं सिखाई गई। वहीं जब वे स्केट्स वापस लेने गए तो उन्हें स्केट्स नहीं दिए गए। इसके अलावा जब एक बार उन्होंने ड्राइवर से उसके लाइसेंस के बारे में पूछा तो ड्राइवर ने लाइसेंस ही नहीं दिखाया, जिसकी शिकायत भी उन्होंने स्कूल में की। उन्होंने कहा कि स्कूल से तो उन्होंने अपनी बेटी को हटा लिया है लेकिन स्कूल के खिलाफ कार्रवाई हो। इसके लिए ही उन्होंने डीसी को शिकायत दी है, ताकि भविष्य में किसी अन्य अभिभावक को स्कूल प्रशासन परेशान न करे।                                                db



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