हाल में हुए लोकसभा चुनाव में बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की ड्यूटी देने वाले अध्यापक खुद से हुए पक्षपात से हैरान हैं। इनका काम एक जैसा था लेकिन उन्हें हर जिले में मानदेय अलग-अलग दिया गया।
बीएलओ की ड्यूटी देने वाले अध्यापकों को जींद में सबसे अधिक 650 रुपए तो अम्बाला, करनाल व कैथल में सबसे कम 150-150 रुपए मानदेय मिला। यमुनानगर में उन्हें 400 रुपए का भुगतान किया गया जबकि भिवानी, रोहतक, पानीपत, गुडग़ांव और सिरसा में अब तक मानदेय दिया ही नहीं गया।
शिक्षक संघ ने की जांच की मांग :
चुनाव आयोग ने इस बार पहली मर्तबा बीएलओ के जरिये मतदाताओं को उनकी पर्चियां घर-घर भिजवाई। चुनाव वाले दिन पोलिंग बूथों पर भी उनकी ड्यूटी लगाई। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ की यमुनानगर जिला इकाई के अध्यक्ष कृष्णपाल राणा के अनुसार, बीएलओ को किए भुगतान में एकरूपता नहीं है। ऐसा कैसे और क्यों हुआ, इसकी जांच होनी चाहिए। राणा के अनुसार, चुनाव में बीएलओ को फस्र्ट एड किट मिलनी चाहिए थी। यह किट सिर्फ कुछ जगह दी गई। कई जिलों में ये किट नहीं दी गई।
भुगतान एक जैसा होना चाहिए
हरियाणा निर्वाचन विभाग के डिप्टी चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर गुलशन गांधी कहते हैं कि आयोग ने सभी जिलों के लिए एक ही पत्र जारी किया था। ऐसे में सब जगह मानदेय भी एक समान होना चाहिए। अलग-अलग जिलों में अलग-अलग मानदेय दिए जाने की जानकारी उन्हें नहीं है। यदि कहीं ऐसा है तो बीएलओ डीसी को शिकायत दे सकते हैं। dbymnr
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