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Monday, 5 May 2014

रेशनेलाइजेशन की मांग को लेकर शिक्षा मंत्री से मिला मास्टर वर्ग


झज्जर : रेशनेलाइजेशन और पीजीटी पदोन्नति की मांग को लेकर हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल से मिले। विरोध प्रदर्शन के तहत मंत्री की कोठी के घेराव की सूचना पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। लिहाजा मास्टरों को पहले मंत्री की कोठी से पहले नाका पर ही रोक लिया गया। बाद पुलिस की मौजदूगी में एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल से मंत्री के साथ कोठी में चर्चा कराई गई। यहां पर मंत्री ने उनकी सभी मांगों पर सहानुभूति पूर्व विचार का भरोसा दिया। इस दौरान मौके पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में तहसीलदार प्रमोद चहल व सदर थाना प्रभारी सत्यनारायण पुलिस फोर्स के साथ मौजूद रहे। 
इससे पूर्व मंत्री हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन की राज्य कार्यकारिणी व जिला प्रधानों की रोहतक रोड की सर छोटूराम धर्मशाला में बैठक हुई। मांगों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के आवास पर पहुंचकर ज्ञापन देने का भी कार्यक्रम बनाया। राज्य प्रधान रमेश मलिक ने कहा कि सरकारी की गलत नीतियों का विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के मौलिक अधिकार की अवहेलना कर राज्य के अध्यापकों को रेशनेलाइजेशन करने पर अड़ी है, जबकि एसोसिएशन हरियाणा मास्टर वर्ग पीजीटी पदोन्नति सूची जारी करने से पहले इस रेशनेलाइजेशन का विरोध कर रहा है। 
एसोसिएशन का कहना है कि टीजीटी से पीजीटी की पदोन्नति सूची विषय की शर्त हटाकर जारी की जानी चाहिए। सभी मौलिक विद्यालयों मुख्याध्यापकों को डीडी पावर व द्वितीय श्रेणी का दर्जा दिया जाना चाहिए। पहले की भांति गणित, विज्ञान, हिंदी अंग्रेजी विषयों के पीरियड बढ़ाए जाएं। कक्षा में 36 बच्चे होने पर नया सेक्शन बनाया जाए। इस मौके पर सत्यपाल बुरा, आर्य संजय, विरेंद्र कलकल, राजसिंह मलिक, राजेंद्र नेहरा, वीर विक्रम, रधबीर सिंह, सतबीर गोयत, रोहताश, भूपेंद्र सिंह, सतेंद्र सिंह ने अपने विचार रखे। 
ये रहेगा आगे का कार्यक्रम 
एसोसिएशन के प्रधान का कहना है कि शिक्षा मंत्री ने सकारात्मक रुख दिखाया है। इसके बावजूद 16 मई तक समस्या का हल नहीं निकला। तब 17 को शिक्षा मंत्री के आवास पर सांकेतिक धरना व अनशन किया जाएगा। 18 को प्रदर्शन कर आगामी कार्यक्रम तय किया जाएगा। 
और मिलने से इनकार कर दिया मंत्री ने... 
मास्टर एसोसिएशन ने अपनी बात शांति के साथ रखी, लेकिन प्रशासन की नजर में मास्टरों की मंसूबे ठीक नहीं थे, इसलिए मंत्री की कोठी के घेराव की सूचना पाकर वाटर बाउजर के साथ भारी संख्या में हैलमेट से लैस पुलिस व महिला कर्मचारियों को तैनात कर दिया। इतना नहीं मौके पर किसी प्रकार की अप्रिय घटना से निपटने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट व थाना चौकी-प्रभारियों की भी ड्यूटी लगा दी गई। मंत्री की कोठी से बढऩे से पूर्व मास्टरों को रोका गया, तब मास्टरों ने कहा कि वे विरोध में कोई नारा तक नहीं लगाएंगे। उनको मंत्री के समक्ष केवल अपनी बात रखनी है। इसके लिए पुलिस ने एक पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल को मिलने की अनुमति दे दी। वहीं, जब प्रतिनिधि मंडल को मंत्री से मुलाकात करने की बारी आई तब मंत्री ने चौकी प्रभारी प्रदीप से पूछ लिया कि क्या मिलने वाले धरना देने वाले हैं क्या? अगर हैं तो उनको कहना कार्यालय में मिलेंगे। इस पर चौकी प्रभारी ने निजी समस्या बताया और फिर मुलाकात करा दी।
"रेशनेलाइजेशन आवश्यक है। इससे शिक्षा में सुधार होगा। शहरी क्षेत्र में काफी पद खाली है। इस दौरान टीचर व बच्चों का अनुपात देखा जाएगा। विभाग में उच्चस्तर पर कुछ फेरबदल किए गया है। अधिकारियों से विचार विमर्श के बाद जल्द कोई फैसला किया जाएगा।"--गीता भुक्कल, शिक्षा मंत्री हरियाणा।                                                db

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