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Monday, 5 May 2014

सीसे व हाई स्कूल में कार्यरत मुख्याध्यापकों में भारी रोष

** वरिष्ठ माध्यमिक व हाई स्कूलों में मुख्याध्यापकों को नहीं दी गई डीडी पावर 
गुहला-चीका : मिडिल स्कूलों के हेडमास्टरों को विभाग ने आहरण वितरण शक्तियां तो दी लेकिन एक हांडी में दो पेट करके अंसतोष पैदा कर दिया है। उक्त आरोप मौलिक स्कूल मुख्याध्यापक एसोसिएशन के राज्य प्रधान दलबीर मलिक ने पत्रकारों से बातचीत में लगाते हुए कहा कि सरकार ने स्वतंत्र मिडिल स्कूलों के मुख्याध्यापकों को आहरण वितरण शक्तियां तो दे दी परंतु सीसे व हाई स्कूल में कार्यरत मुख्याध्यापकों को यह शक्तियां न देकर भारी भेद वाद किया है। जिससे इन मुख्याध्यापकों में भारी रोष है। 
महासचिव विजय पाल यादव का कहना है कि लगातार 10-11 महीनों से राज्य कार्यकारिणी डीडी पावर दिलवाने के लिए संघर्ष कर रही थी और मौलिक शिक्षा निदेशक पर दबाव बनाकर सभी मिडिल हेड को डीडी पावर दिलवाने की अनुशंसा भिजवाई थी, परंतु प्रधान सचिव कार्यालय में जब फाइल पहुंची तो प्रधान सचिव सुरीना राजन ने इसमें फेरबदल कर दिया। 
उन्होंने आरोप लगाया कि इस कार्रवाई से मुख्याध्यापकों को दो फाड़ करने की साजिश की गई है, जिससे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के मौलिक अधिकार को तोड़ मरोड़ के पेश किया जा रहा है, किसी भी स्तर का स्कूल हो उसमें कक्षा एक से आठ से मौलिक शिक्षा निर्धारित की गई है। इसलिए मौलिकों स्कूलोंं में मुख्याध्यापक लगाए गए हैं। विडंबना यह है कि वरिष्ठ माध्यमिक व उच्च विद्यालयों में कार्यरत मौलिक मुख्याध्यापकों को भी वहीं सम्मान मिलना चाहिए जो स्वतंत्र मिडिल स्कूलों के मुख्याध्यापकों को मिल रहा है।                                                db

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