राजकीय स्कूलों में पढ़ाई के साथ खेलों में नाम कमाने वाले छात्रों की सेहत पर विभाग का जरा भी ध्यान नहीं है। डाइट के नाम पर उन्हें एक दिन के लिए 50 रुपये दिए जाते हैं। महंगाई के इस दौर में इस राशि से खिलाडिय़ों को क्या डाइट मिलती होगी, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। जुलाई माह में स्कूल विद्यार्थियों की खंड व जिला स्तर की खेलकूद स्पर्धा होने जा रही है।
हर कोई खिलाडिय़ों से ओलंपिक व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल लेकर आने की उम्मीद करते हैं। प्रदेश सरकार ने खिलाडिय़ों को सरकारी नौकरी सुनिश्चित करने के लिए पदक लाओ पद पाओ योजना भी शुरू की है। खेलों को बढ़ावा देने की प्रदेश सरकार बात करती है और सरकारी स्कूलों में प्रत्येक बच्चों को खेल में हिस्सा लेना अनिवार्य किया हुआ है ताकि राजकीय स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थी खिलाडिय़ों की खुराक पर कोई ध्यान नहीं दिया है। पिछले छह वर्ष से वहीं राशि मिल रही है, जिस राशि से खिलाडिय़ों को भर पेट खाना भी नहीं मिलता है।
50 रुपये मिल रहे हैं
खंड व जिला स्तर की खेलकूद स्पर्धा के लिए 2008 से प्रत्येक दिन के लिए 50 रुपये डाइट के लिए दिए जाते हैं। हर साल महंगाई तो बढ़ती गई लेकिन रुपयों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। अगर शिक्षा विभाग हर साल 10 रुपये की बढ़ोतरी भी करता तो आज खिलाडिय़ों की डाइट 100 रुपये तक पहुंच सकती थी। 2008 से पहले खिलाडिय़ों को डाइट के लिए मात्र 25 रुपये दिए जाते थे। खंड व जिला स्तर पर कड़ी मेहनत कर स्टेट लेवल की स्पर्धा में अपना स्थान बनाने वाला खिलाड़ी स्टेट लेवल पर भी पहला स्थान प्राप्त कर लेता है तो उसे 250 रुपये ईनाम के रुप में दिए जाते हैं। इसी प्रकार दूसरे स्थान वाले को 150 व तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को 100 रुपये ईनाम के रुप में दिए जाते हैं और 2008 में तो यह ईनामी राशि मात्र 100, 60 व 40 रुपये थी।
ये खेल हैं शामिल
क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल, वॉलीबाल, नेटबाल, बैडमिंटन, बेसबाल, सॉफ्टबाल, टेनिस, बास्केटबाल, टेबल टेनिस, हैंडबाल, कुश्ती, जिम्नास्टिक्स, वेटलिफ्टिंग, तैराकी, जूडो, तीरंदाजी, शतरंज, बॉक्सिंग, कबड्डी, सर्कल कबड्डी, खोखो, एथलेटिक्स, थ्रो बॉल साइकलिंग स्पर्धा में शामिल हैं।
अधिकारियों से मांग भी कर चुके हैं
जब जिला शिक्षा विभाग के खेल इंचार्ज प्रदीप सांगवान से बात हुई तो उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा जो राशि दी जाती है वो विद्यार्थियों को उपलब्ध करवा दी जाती है। विद्यार्थियों की डाइट के रुपये बढ़ाने के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा जा चुका है व शारीरिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान राजेश ढांडा ने भी डाइट की राशि बढ़ाने की कई बार मांग कर चुके हैं।
खिलाड़ी के लिए ये है जरूरी
एक कोच ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि स्कूल स्तर के खिलाड़ी को सुबह, दोपहर व शाम को पौष्टिक आहार मिलना बहुत जरूरी है। इसमें दूध, दही, घी, फल, सब्जी रोटी, चावल मिलना जरूरी है। जिस पर सामान्य खिलाड़ी की डाइट पर प्रतिदिन 150 रुपये खर्च होता है। इसके बाद डाइट बढ़ती है वैसे ही खर्च बढ़ता है। dbbhwn
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