** निजी कॉलेजों के मुकाबले अच्छा परिणाम नहीं आने पर सख्ती बढ़ी, रखना होगा कक्षा की हर गतिविधियों का रिकॉर्ड
निजी कॉलेजों के मुकाबले राजकीय कॉलेजों में अपेक्षित परिणाम नहीं मिलने से नाराज उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने अब प्राध्यापकों की भी जवाब देही तय करने का फैसला किया है। नई व्यवस्था से उन सभी प्राध्यापकों को परेशानी होनी तय है जो निर्धारित अवधि के दौरान अपनी मनमर्जी चलाते हुए कई बार फरलों तक मारते हैं। अब न केवल खुद की जवाबदेही होगी बल्कि कक्षा में हर छोटी से छोटी गतिविधि का पूरा रिकार्ड भी उन्हें खुद मेनटेन करना होगा।
विभागीय जानकारी के अनुसार इस संदर्भ में हाल ही में चंडीगढ़ में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी एसएस प्रसाद के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया कि कॉलेज के प्रिंसिपल प्राध्यापकों द्वारा मेनटेन किए गए रिकार्ड की जांच कर सकते हैं। राजकीय कॉलेजों में शिक्षा के स्तर उठाने के लिए बैठक में गंभीरतापूर्वक चर्चा की गई। प्राध्यापकों की जवाब देही के तहत अब शिक्षकों को डेली लेक्चर प्लान बनाना होगा। बाकायदा इसका रिकार्ड भी मेनटेन करना होगा। इतना ही नहीं, विद्यार्थियों की असेस्मेंट का रिकार्ड भी अध्यापकों को अब खुद ही रखना होगा।
जल्द लग सकती है दैनिक यात्रा पर रोक
शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने व अक्सर कक्षाओं में शिक्षकों के गैरहाजिर रहने संबंधी शिकायतों को लेकर उच्चतर शिक्षा विभाग का रवैया सख्त हो चुका है। अक्सर शिकायतें आती हैं कि जिले से बाहर से आने वाले शिक्षक जल्दी अपने घर जाने के लिए कक्षा अधर में ही छोड़ जाते हैं या कई बार कक्षाओं में नहीं आते, देरी से पहुंचते हैं। इस तरह की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रदेशभर के सरकारी शिक्षण संस्थानों में दूर-दराज से पढ़ाने आने वाले शिक्षकों की दैनिका यात्रा पर अब जल्द ही रोक पर भी विचार किया जा रहा है।
पिसिंपल की भी जवाबदेही तय
ऐसा नहीं कि अकेले प्राध्यापक पर अब निगाह रखी जाएगी, बल्कि प्रिंसिपल को भी अपने अध्यापक ों के रिकार्ड को रखा जाना जरूरी किया गया है। जिस तरह स्कूली विद्यार्थियों को उनकी डायरी में गृह कार्य लिखकर दिया जाता है या विद्यार्थी अपने होमवर्क को अपनी डायरी में लिखकर घर ले जाते हैं, उसी तरह शिक्षक भी अपनी दैनिकी में प्रतिदिन किस क्लास रूम में क्या किया, यह लिखेंगे। dbsnpt
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