सिरसा : चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी (सीडीएलयू) वर्ष 2008 के उसी इतिहास को दोहराने का प्रयास कर रही है जिस पर पहले ही पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट एतराज जता चुका है। सीडीएलयू प्रशासन सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों और अधिकारियों को पुन: सेवा में शामिल करने की तैयारी कर रहा है। इस संबंध में एक बैठक पहले हो चुकी है जबकि एक अहम बैठक सोमवार को संभावित है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीडीएलयू प्रशासन ने विभिन्न डिपार्टमेंट में नई नियुक्तियां किए जाने का फैसला किया है। लेकिन नई नियुक्तियां पदोन्नति या नई भर्ती करने की बजाय सेवानिवृत्त हो चुके या होने वाले कर्मचारियों की ही पुन: नियुक्ति के जरिए किए जाने की तैयारी चल रही है। सूत्र बताते हैं कि इस संबंध में एक बैठक 26 मई को हो चुकी है जिसमें काफी हद तक फैसलों पर चर्चा हुई। इसके अलावा एक अंतिम बैठक सोमवार को संभावित है। गैर शिक्षक कर्मचारियों की पुन: नियुक्ति के लिए गठित की गई कमेटी में रजिस्ट्रार को कंवीनर, प्रोफेसर प्रवीण अगमकर, डॉ. जेएस जाखड़ और नंद लाल भाकर को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। इतना ही नहीं इस कमेटी में एक ऐसे सदस्य को भी शामिल कर लिया गया है जो स्वयं ही कुछ समय बाद सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
जवाब देने से कतराते हैं अधिकारी
इस संबंध में सीडीएलयू का पक्ष जानने के लिए अधिकारियों से संपर्क किया तो अधिकारी बात करने से बचते नजर आए। सीडीएलयू के वीसी और रजिस्ट्रार ने फोन रिसीव नहीं किया जबकि कार्यालय में बैठे अन्य अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह सब उच्चाधिकारियों का निर्णय है इसलिए वह कुछ भी नहीं बता सकते। इस बारे मे उच्च अधिकारी ही सही जानकारी दे सकते हैं।
ठगा महसूस कर रहे अन्य कर्मचारी
सूत्र बताते हैं सेवानिवृत्त कर्मचारियों और अधिकारियों को सीडीएलयू की ओर से उसी पद पर पुन: नियुक्ति दे दी जाती है जिससे पदोन्नति की आस लगाए बैठे नीचे के कर्मचारी ठगा सा महसूस करते हैं। इसके अलावा सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर किसी तरह का दबाव भी नहीं रहता। ऐसे केस में गलती की संभावनाएं अधिक रहती है, क्योंकि वह तो पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके होते हैं।
पहले भी हो चुकी है सीडीएलयू की फजीहत
वर्ष 2008 में सीडीएलयू ने करीब 15 सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पुन: नौकरी पर रखा, लेकिन इस संबंध में किसी ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अपील डाल दी जिसमें इस पर एतराज जताया गया और नियमित भर्ती करने की डिमांड की गई। इस पर न्यायालय ने सीडीएलयू को निर्देश जारी किए कि रेगूलर भर्ती की जाए। दो बार सुनवाई के बाद सीडीएलयू की ओर से बाकायदा शपथ पत्र देकर आश्वासन दिया गया कि नियमित भर्ती शीघ्र की जाएगी। बाद में इसी आधार पर उक्त सभी कर्मचारियों को हटाया भी गया। dj
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