चंडीगढ़: हरियाणा मंत्रिमंडल ने 28 मई को पंजाब की रेगुलराइजेशन पालिसी की तर्ज पर अपनी पालिसी बनाने की मंजूरी दी है। उसमें थोड़ा-सा बदलाव कर एप्रूव्ड (अनुमोदित) एजेंसी के जरिए भर्ती हुए कच्चे कर्मचारियों को भी रेगुलर होने का लाभ मिल सकता है। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद मुख्य सचिव कार्यालय रेगुलराइजेशन पालिसी तैयार कर रहा है। सूत्रों का दावा है कि इस पालिसी से ग्रुप बी, सी और डी के 30000 से 32000 कच्चे कर्मचारियों को पक्का होने का लाभ मिल सकता है।
ये कर्मचारी हो सकते हैं रेगुलर
एप्रूव्ड एजेंसी की श्रेणी में चूंकि हरट्रान भी आता है और विभागों, बोर्डों, निगमों में कंप्यूटर आपरेटर हरट्रान के जरिए रखे गए थे। इसलिए तीन साल की सेवा वाले इन कंप्यूटर आपरेटरों को रेगुलर होने का लाभ मिल सकता है। एप्रूव्ड एजेंसी की श्रेणी में विभागीय चयन समिति भी आती है। कर्मचारी चयन आयोग, शिक्षक भर्ती बोर्ड, पुलिस भर्ती बोर्ड के जरिए भी रेगुलर कर्मचारी रखे जाते हैं। इसके अलावा सरकार ने आउटसोर्सिंग एजेंसी के जरिए भी कांट्रैक्ट पर कच्चे कर्मचारी रखे हुए हैं। अगर आउटसोर्सिंग एजेंसी को भी एप्रूव्ड एजेंसी की श्रेणी में माना गया तो 30000 से 32000 कच्चे कर्मचारी रेगुलर हो सकते हैं। au
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