** पिछड़ा वर्ग-ए के लिए 10 प्रतिशत व वर्ग-बी के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था
चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार ने रविवार को श्रेणी-एक व श्रेणी-दो के पदों पर सीधी भर्ती के लिए पिछड़ा वर्ग, विशेष पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गो के लिए आरक्षण कोटे में वृद्धि का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री हुड्डा की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर चर्चा हुई। सरकार ने पिछड़ा वर्ग के लिए मौजूदा 10 प्रतिशत के आरक्षण कोटे को बढ़ाकर पिछड़ा वर्ग-ए के लिए 10 प्रतिशत तथा पिछड़ा वर्ग-बी के लिए पांच प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। विशेष पिछड़ा वर्गो तथा आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गो के लिए मौजूदा आरक्षण कोटे को चार प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत किया गया है। अन्य वर्गो के लिए आरक्षण का कोटा मौजूदा प्रावधानों के अनुरूप ही रहेगा। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लेने के बाद मुख्यमंत्री ने जींद में पूर्व राज्यसभा सदस्य डा. रामप्रकाश द्वारा आयोजित अधिवेशन में भी इसकी जानकारी दी। मंडल आयोग की सिफारिशों के मुताबिक राज्य में पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। इसमें पिछड़ा वर्ग ए श्रेणी की 67 और बी श्रेणी की पांच बिरादरी शामिल हैं।
अब तक यह थी व्यवस्था
पिछड़ा वर्ग के लिए तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में दोनों श्रेणी के उम्मीदवारों को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलता है, जबकि प्रथम और द्वितीय श्रेणी की नौकरियों में मात्र 10 प्रतिशत आरक्षण के लाभ की व्यवस्था है। तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में पिछड़ा वर्ग ए के अभ्यर्थियों को 16 प्रतिशत व बी के अभ्यर्थियों को 11 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलता है।
6600 रिक्तियां भरने का संकेत
राज्य में पिछड़ा वर्ग की आबादी करीब 18 प्रतिशत है। मौजूदा व्यवस्था के चलते प्रथम और द्वितीय श्रेणी की नौकरियों के अभ्यर्थी आरक्षण व्यवस्था का पूरा लाभ नहीं उठा पा रहे थे। राज्य में पिछड़ा वर्ग की 15 हजार 71 नौकरियों का बैकलॉग है, जो भरा नहीं जा सका है। सरकार ने हाल ही में 6600 रिक्तियां भरने का संकेत दिया है। dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.