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Monday, 2 June 2014

सबको दाखिले दे दे तो भी कालेजों में सीटें रह जाएंगी खाली

** सभी कॉलेजो में कुल मिलाकर करीब 18 हजार 450 सीटें पहले साल के नए विद्यार्थियों के लिए, निर्भर होना पड़ेगा दूसरे जिलों व प्रदेशों पर
सोनीपत : कॉलेजों में दाखिले के नाम पर कट ऑफ को लेकर जो 'शोशेबाजी' होती है वह इस बार महज औपचारिकता बनकर रह जाएगी। क्योंकि जिले के कॉलेजों व विवि कैंपस में सीटें तो हजारों में हैं, लेकिन उनमें दाखिले की चाह रखने वाले विद्यार्थी कम। एक मोटे अनुमान के मुताबिक सोनीपत में सभी डिग्री कॉलेज, खानपुर महिला विवि कैंपस, दीनबंधु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल में कुल मिलाकर करीब 18 हजार 450 सीटें पहले साल के नए विद्यार्थियों के लिए हैं।   
अगर विद्यार्थियों की बात तो करें तो इस बार सीबीएसई के 12वीं के करीब चार हजार तथा हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के 146 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के बीते वर्ष के परिणाम की बात करें तो 17 हजार 614 में से 13076 (प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ परिणाम) विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए थे। ऐसी स्थिति में एक बार फिर से कॉलेजों को दूसरे जिलों एवं राज्यों के विद्यार्थियों पर निर्भर रहना पड़ेगा। 
दो इंजीनियरिंग कॉलेज हो चुके हैं बंद : 
इंजीनियरिंग के प्रति घटते रुझान एवं बेहतर आधारभूत सुविधाएं नहीं होने के कारण सोनीपत जिले के दो इंजीनियरिंग कॉलेज पिछले सत्र में बंद भी हो चुके हैं तो वहीं दूसरी ओर बताया जा रहा है कि इस बार दो और इंजीनियरिंग कॉलेज को खरीदे जाने की बातचीत चल रही है। 
इंजीनियरिंग कॉलेज संचालकों ने डाला बिहार नेपाल में डेरा : 
चूंकि सोनीपत से इंजीनियरिंग कॉलेजों की सीटें नहीं भर रहीं हैं इसलिए निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों के संचालकों ने अपनी मार्केटिंग के लिए दिल्ली एवं यूपी के बाद अब बिहार और नेपाल में भी डेरा डाल लिया है। कुछ संचालक वहां करीब एक माह तक रहेंगे। वहां के विभिन्न कोचिंग इंस्टिट्यूट संचालकों के साथ अपने लिए दाखिले की स्थिति को बेहतर करेंगे। विदित है कि बीते वर्ष ही कुछ निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों ने बाकायदा दाखिले कराने वाले लोगों के लिए नगद राशि की स्कीम भी चलाई थी। 
डिग्री कॉलेजों में ऐसे चलता है खेल: 
वे विद्यार्थी और उनके अभिभावक पर इस बात का दबाव डालते हैं कि कॉमर्स में सीटें पूरी हो चुकी है इसलिए आट्र्स में दाखिले ले लो या फिर साइंस तक में कई बार दाखिले की ऑफर की जाती है। 
"यह सही है कि कुछ सालों से आट्र्स के साथ-साथ बीबीए एवं बीसीए की सीटें पूरी तरीके से भर नहीं पा रही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यही है कि इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं काफी कम है।''--डॉ. ज्योति जुनेजा, प्रिंसिपल, गर्ल्स कॉलेज। 
"मेरी नजर में मौजूदा स्थिति के तीन कारण हैं। पहला स्थिति में काफी हद तक हरियाणा काउंसलिंग जिम्मेदार है। दूसरा इंजीनियरिंग कॉलेज खुल काफी गए हैं तो वहीं हाल ही में साइंस की प्रति रुझान अधिक बढ़ा है। ''--डॉ. विजयपाल नैन, उपप्रधान, आल हरियाणा सेल्फ फाइनेंस इंजीनियरिंग कॉलेज एसोसिएशन। 
शैक्षणिक स्थिति पर नजर 
सीबीएसई में उत्तीर्ण स्टूडेंट्स 4088 
सोनीपत में डिग्री कॉलेज 10 
इंजीनियरिंग कॉलेज 22 
इंजीनियरिंग में कुल सीटें 6500 
खानपुर महिला विवि में सीटें 3150 
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से उत्तीर्ण 13076 (वर्ष 2013 का परिणाम)                                                 db

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