चंडीगढ़ : विधानसभा चुनाव से ठीक पहले डीम्ड विश्वविद्यालयों से डिग्री प्राप्त चयनित पीजीटी को करारा झटका लगा है। नियुक्तियों की आस लगाए बैठे पीजीटी को शिक्षा विभाग ने नियुक्ति पत्र देने से इन्कार कर दिया है। शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल, विभाग की वित्तायुक्त सुरीना राजन व सेकेंडरी शिक्षा महानिदेशक विवेक अत्रे ने नियुक्तियां न देने के पीछे यूजीसी की रिपोर्ट को आधार बनाया है। डीम्ड विश्वविद्यालयों से डिग्री प्राप्त पीजीटी को शिक्षा विभाग जल्द ही निजी सुनवाई का मौका देगा। दो या तीन दिन में उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए जाएंगे। नोटिस स्पीड पोस्ट से भेजने के साथ ही वेबसाइट पर भी उपलब्ध रहेगा। सुनवाई के दौरान पीजीटी अपनी डिग्रियों के सही होने को लेकर तर्क दे सकते हैं। विभाग के इस निर्णय से 278 पीजीटी के भविष्य पर तलवार लटक गई है। अगर इनकी डिग्रियों को यूजीसी व स्कूल शिक्षा विभाग मान्य करार नहीं देता है तो बड़ी मुसीबत खड़ी हो जाएगी। इससे पीजीटी प्राइवेट संस्थानों में भी नौकरी के काबिल नहीं रहेंगे। शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने 11 जून से शिक्षा निदेशालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे पीजीटी को वार्ता के लिए सचिवालय में बुलाया हुआ था। तीन बजे शुरू हुई बैठक मात्र पंद्रह मिनट में सिमट गई। शिक्षा मंत्री से साफ कर दिया कि विभाग डीम्ड यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त पीजीटी को नियुक्तियां नहीं देगा। यूजीसी की रिपोर्ट उनकी डिग्री के खिलाफ है। रिपोर्ट का गहन अध्ययन किया गया है। इसमें डिग्रियों पर आपत्ति उठाई गई है। जिस दौरान पीजीटी ने आइएइएई यूनिवर्सिटी राजस्थान, जेआरएन विद्यापीठ राजस्थान, विनायक मिशन यूनिवर्सिटी तमिलनाडू व बेंगलूर यूनिवर्सिटी से डिग्रियां की हैं, उस दौरान उन्हें दूरवर्ती शिक्षा की मान्यता नहीं थी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि विभाग डिग्रियों के सही नहीं के ठोस सबूत मिलने पर ही नियुक्तियां प्रदान करेगा। उधर, डीम्ड यूनिवर्सिटी डिग्री प्राप्त पीजीटी एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग उनसे धोखा कर रहा है। उनकी डिग्रियां बिल्कुल सही हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त सुरीना राजन पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। रमेश ने कहा कि वित्तायुक्त काफी समय से उन्हें आश्वासन दे रही थीं। dj
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