चंडीगढ़ : हरियाणा के 4073 सरप्लस घोषित गेस्ट टीचरों के लिए बड़ी राहत है। शिक्षा विभाग फिलहाल इन टीचरों को नहीं हटाएगा। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सिंगल जज जस्टिस अमित रावल की खंडपीठ ने गत एक मई को आदेश पारित किया था कि अगर इन सरप्लस 4073 गेस्ट टीचरों को 11 मई तक नहीं हटाया तो मुख्य सचिव अदालत में पेश होकर बताएंगे कि राय पर इतना बोझ क्यों डाला गया?
मिली जानकारी के अनुसार मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने शुक्रवार को इस मसले पर बैठक की। शुक्रवार देर शाम सरकार ने भी इस पर मंथन किया। सूत्रों ने बताया कि सरकार फैसला किया है कि इन गेस्ट टीचरों को 11 मई तक न हटाया जाए और मुख्य सचिव हाईकोर्ट में पेश हों। सरकार 11 मई को हाईकोर्ट में कुछ समय मांग सकती है। इसी बीच गेस्ट टीचरों की अपील पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पीबी बजंथरी की खंडपीठ ने 7 मई को निपटारा करते हुए जस्टिस अमित रावल की सिंगल जज की बेंच से आग्रह किया है कि वे इन गेस्ट टीचरों की दलील पर विचार करें। गेस्ट टीचरों ने जस्टिस अमित रावल की खंडपीठ के एक मई को गेस्ट टीचरों को हटाने के अंतरिम आदेश पर अपील दायर की थी। गेस्ट टीचरों ने दलील दी कि उन्हें तब तक न हटाया जाए जब तक उनके स्थान पर रेगुलर चयनित टीचर नहीं आ जाते। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पीबी बजंथरी ने अपील का निपटारा करते हुए आदेश में लिखा, "हमारे विचार में अपीलकर्ताओं ने जो दलील दी है कि उन्हें रेगुलर टीचर आने तक न हटाया जाए, यह दलील सिंगल जज की अदालत में अगली सुनवाई पर प्रभावी तरीके से उठाई जा सकती है। हम सिंगल जज से आग्रह करते हैं कि अपीलकर्ताओं को अवसर देकर उनकी दलील पर विचार करें। अगर गेस्ट टीचरों के खिलाफ कोई विपरीत आदेश पारित होता है तो उसे भी सिंगल जज के सामने बताया जाए।"
स्टे नहीं मिला मगर थोड़ी सी राहत जरूर मिली
11 मई तक 4073 गेस्ट टीचरों को हटाने के अंतरिम आदेश पर टीचरों को अपील में जाने के बावजूद स्टे तो नहीं मिला मगर डबल बेंच ने सिंगल बेंच को उनकी दलील पर विचार करने का आग्रह कर डाला तो इससे उन्हें थोड़ी-सी राहत जरूर मिली। हालांकि प्रदेश सरकार के लिए यह फैसला अर्थहीन ही रहा। hb
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