** महापड़ाव पर रोजाना 70 हजार रुपये खर्च
** एक गेस्ट टीचर्स बेहोश, कई की हालत बिगड़ी
करनाल : प्रदेशभर के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत 4073 जेबीटी गेस्ट टीचर्स के भाग्य का आज हाईकोर्ट में फैसला होगा। शिक्षा विभाग की ओर से प्रधान सचिव शिक्षा विभाग ने इस मामले में हाईकोर्ट के समक्ष सोमवार को अपनी बात रखनी है। शिक्षा विभाग पहले इस मामले में 4073 गेस्ट टीचर्स को सरप्लस बता चुका है।
यदि हाईकोर्ट में यह बात रखी जाती है तो गेस्ट टीचर्स को बाहर का रास्ता दिखाया जाना तय माना जा रहा है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद ही सोमवार को प्रदेशभर से सीएम सिटी में पहुंचे गेस्ट टीचर्स अपनी अगली रणनीति का खुलासा करेंगे। महापड़ाव के दौरान रविवार को एक गेस्ट टीचर्स बेहोश हो गया व गर्मी के चलते कई की हालत बिगड़ गई। सरकार के किसी भी नुमाइंदे द्वारा तीन दिनों से बातचीत तक का निमंत्रण नहीं दिए जाने से गुस्साए गेस्ट टीचर्स ने रविवार को तपती दोपहर में करीब साढ़े 3 बजे सड़कों पर उतरकर रोष मार्च निकाला। शाम 4 बजे तक चले रोष मार्च में अतिथि अध्यापकों ने प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री सहित पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा और अनिल विज के खिलाफ भड़ास निकाली। रविवार की छुट्टी होने के कारण रोजाना से करीब 2 हजार गेस्ट टीचर्स व उनके परिजनों की संख्या अधिक रही। तीन दिनों से जारी महापड़ाव पर रोजाना करीब 70 हजार रुपये का खर्च आ रहा है।
बाहर निकाला तो लगेगा जाम ः
सर्व कर्मचारी संघ के राज्य संगठन सचिव मास्टर बलबीर सिंह, राज्य उपप्रधान महिपाल, उपप्रधान धर्मेंद्र, राज्य सचिव जगतार सिंह, जिला प्रधान ओमप्रकाश सिंहमार ने तीसरे दिन भी गेस्ट टीचर्स के महापड़ाव का समर्थन करते हुए ऐलान किया कि यदि सरकार ने कोई चालबाजी करते हुए गेस्ट टीचर्स को बाहर निकालने की साजिश रची गई तो वह रोड से लेकर रोडवेज और बिजली-पानी सब ठप कर देंगे।
रणनीति के तहत सीएम सिटी में डाला डेरा ः
गेस्ट टीचर्स ने पूर्व निर्धारित योजना के तहत सीएम सिटी में डेरा डाला है। दरअसल गेस्ट टीचर्स इस बात को भांप चुके हैं कि सरकार उन्हें बाहर का रास्ता दिखाना चाहती है।
सीएम की हुई बैक डोर से एंट्री
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बयान पर पलटवार करते हुए गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री ने कहा कि एक भी गेस्ट टीचर्स की बैक डोर से एंट्री नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि 10 साल से हुड्डा की सरकार थी और उन्होंने ही यह सरकार बदली है। अब उनके कारण नए मुख्यमंत्री बने और उन्हीं की बैक डोर से एंट्री हुई है। au
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