भिवानी : सरकारीस्कूलों में तैनात लगभग एक हजार शिक्षकों का वेतन पिछले दो माह से अटक गया है। मामला खजाना अधिकारी और अकाउंटेंट जनरल के बीच फंसा है। हालांकि शिक्षा विभाग प्लान के तहत शिक्षकों के वेतन भुगतान का बजट दे चुका है, लेकिन मामला अब खजाना कार्यालय में आकर अटका हुआ है। महालेखाकार द्वारा प्रति वर्ष प्लान स्कीम के तहत अथॉर्टी लेटर जारी किया जाता है। जोकि इस बार 24 अप्रैल 2015 को जारी किया गया है।
महालेखाकार ने अपने पत्र क्रमांक 69/89 के तहत प्रदेश के सभी जिलों के खजाना अधिकारियों संबंधित शिक्षा अधिकारियों को पहली से पांचवीं, कक्षा छह से आठवीं नौंवी से बारहवीं तक पढ़ाने वाले शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए अथॉर्टी पत्र जारी किया गया है। लेकिन अभी तक यह पत्र खजाना अधिकारियों को नहीं मिला है। ऐसे में प्लान के तहत लगे लगभग एक हजार जेबीटी से लेकर प्राध्यापकों का मार्च और अप्रैल माह का वेतन अटक गया है।
वेतन बजट ऑनलाइन किया जा चुका है: निर्मल श्योराण
डीईओ निर्मल श्योराण का कहना है कि शिक्षकों के वेतन का बजट ऑनलाइन किया जा चुका है। उनकी तरफ से वेतन संबंधी मामले में कोई ढिलाई नहीं बरती गई है
अध्यापकों के सामने आया वित्तीय संकट
दो माह से वेतन भुगतान नहीं होने की वजह से शिक्षकों का बजट भी गड़बड़ा गया है। उनके सामने इस समय सबसे विकट स्थिति तो यह है कि वे खुद के बच्चों का स्कूलों में दाखिला कराने और उनके पाठ्य पुस्तकें और वर्दी सिलवाने के लिए भी मोहताज हो गए हैं। इन शिक्षकों ने विभागीय अधिकारियों से जल्द से जल्द बजट जारी कर वेतन भुगतान की मांग की है। db
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