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Sunday, 3 May 2015

बोर्ड ने पहले एनरोलमेंट रोके, अब गलत जारी किये

हिसार : भिवानी स्कूल शिक्षा बोर्ड ने प्रदेश के हजारों विद्यार्थियों को एक बार फिर गफलत में डाल दिया है। ये वही विद्यार्थी हैं, जिनके एनरोलमेंट नंबर बोर्ड ने आयुवर्ग का हवाला देकर रोक दिए थे। स्कूल संचालकों और अभिभावकों के दबाव में बोर्ड ने एनरोलमेंट तो जारी कर दिए, लेकिन अब इन विद्यार्थियों के स्कूल ही बदल दिए हैं। ऐसे में न तो स्कूल संचालकों को पता है कि उनकी लिस्ट में दर्शाए गये विद्यार्थी किस स्कूल के हैं और न ही बच्चों को पता है कि उनके एनरोलमेंट किस स्कूल की लिस्ट में है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार शिक्षा बोर्ड की ओर से 9वीं और 11वीं के विद्यार्थियों को एनरोलमेंट नंबर जारी किए जाते हैं। इसी नंबर के आधार पर विद्यार्थी 10वीं और 12वीं की परीक्षा देते हैं। बोर्ड ने मई 2014 में एनरोलमेंट के लिए ऑनलाइन फार्म भरवाए थे। इसमें आयु से संबंधित कोई दिशा-निर्देश नहीं था। पिछले महीने बोर्ड ने नौवीं के विद्यार्थियों के एनरोलमेंट अपनी वेबसाइट पर जारी किये। लेकिन इसमें उन विद्यार्थियों का नाम नहीं था, जिनकी जन्मतिथि 2002 के बाद की है। प्रदेश भर के विभिन्न स्कूलों में पढ़ने वाले ऐसे विद्यार्थियों की संख्या हजारों में थी। स्कूल संचालकों और अभिभावकों ने इसका भारी विरोध जताया। शिक्षामंत्री व मुख्यमंत्री तक बात पहुंची। अपना निर्णय बदलते हुए बोर्ड ने 30 अप्रैल को ऐसे विद्यार्थियों के एनरोलमेंट जारी कर दिए। लेकिन जब स्कूल संचालकों ने अपने स्कूल के कोड के साथ विद्यार्थियों की लिस्ट निकाली तो गड़बड़ का पता चला। इस लिस्ट में उनके स्कूल के बच्चों के नाम न होकर, अन्य नाम हैं। यह पता ही नहीं चल पा रहा है कि किस स्कूल के बच्चों के नाम किस स्कूल की लिस्ट में हैं।
‘बोर्ड प्रशासन पर लगे जुर्माना’
इस मामले में हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा कि बोर्ड प्रशासन बार-बार गलती कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। अगर कोई स्कूल संचालक छोटी-सी भी गलती कर देता है तो बोर्ड उस पर जुर्माना लगा देता है। अब इस गलती के लिए बोर्ड पर भी जुर्माना लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बोर्ड तुरंत नयी लिस्ट जारी करे और समय सीमा भी बढ़ाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर बोर्ड प्रशासन ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो मजबूर होकर प्राइवेट स्कूल संचालक अभिभावकों को साथ लेकर सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएंगे।                                                       dt

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