जींद : इसे खराब परीक्षा परिणाम कहें या अधिकारियों की भूल। इस बार
शिक्षा विभाग ने हर साल दिए जाने वाले राज्य शिक्षक अवॉर्ड के लिए आवेदन ही
मांगना जरूरी नहीं समझा।
शिक्षक दिवस के चार माह बीतने के बाद भी शिक्षक इस बात को समझ नहीं सके कि हर साल बड़े जोर-शोर से दिए जाने वाले इस अवॉर्ड को आखिरकार विभाग देना क्यों भूल गया। विभाग ने भी अब तक इस मसले पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल 5 सितंबर को शिक्षा विभाग द्वारा यह अवॉर्ड शिक्षकों को प्रदान किया जाता है, लेकिन अबकी बार ऐसा नहीं हुआ।
शिक्षक दिवस के चार माह बीतने के बाद भी शिक्षक इस बात को समझ नहीं सके कि हर साल बड़े जोर-शोर से दिए जाने वाले इस अवॉर्ड को आखिरकार विभाग देना क्यों भूल गया। विभाग ने भी अब तक इस मसले पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल 5 सितंबर को शिक्षा विभाग द्वारा यह अवॉर्ड शिक्षकों को प्रदान किया जाता है, लेकिन अबकी बार ऐसा नहीं हुआ।
रिजल्ट नहीं तो अवॉर्ड किस बात का
शिक्षा
विभाग के सूत्रों की माने तो 10वीं व 12वीं कक्षा के कमजोर परीक्षा परिणाम
को देखते हुए इस बार शिक्षा विभाग ने राज्य शिक्षक अवॉर्ड के लिए आवेदन ही
नहीं मांगे। अधिकारियों का तर्क है कि जब तक परीक्षा परिणाम नहीं सुधरता,
जब तक कैसा अवॉर्ड।
समय पर पुरस्कार न मिलना गलत :
हरियाणा विद्यालय
अध्यापक संघ के प्रेस सचिव भूप वर्मा का कहना है कि यदि विभाग को पुरस्कार
की गरिमा को बरकरार रखना है तो इसे समय पर देना चाहिए, नहीं तो इसे बंद कर
देना चाहिए। शिक्षा विभाग ने तीन साल पहले भी राज्य शिक्षक अवॉर्ड के लिए
आवेदन नहीं मांगे थे, तब भी शिक्षकों में इसको लेकर काफी नाराजगी थी। इस
बार भी फिर से विभाग ने ऐसा कर दिया।
"इस बार राज्य शिक्षक अवार्ड के लिए
विभाग ने कोई आवेदन नहीं मांगा था, जिसके चलते कोई भी आवेदन नहीं भेजा गया।
यदि विभाग मांगता तो आवेदन हर साल की तरह जरूर भेजे जाते।"-- जोगेंद्र
हुड्डा, जिला शिक्षा अधिकारी, जींद। dj
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