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Thursday, 14 January 2016

यूजीसी का फरमान, दाखिला रद होने पर लौटाएं फीस

** विद्यार्थियों के दस्तावेज व फीस लौटाने को लेकर कॉलेज करते हैं परेशान
नई दिल्ली: देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में दाखिला रद कराने पर फीस व मूल दस्तावेजों को लेकर संस्थान विद्यार्थियों को बेवजह परेशान नहीं कर सकेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इस तरह की शिकायतों पर अंकुश लगाने के लिए विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को निर्देश दिया है कि वे विद्यार्थियों द्वारा दाखिला रद कराने के बाद फीस और विद्यार्थी के मूल दस्तावेज अपने पास नहीं रख सकते हैं। उन्हें यह विद्यार्थियों को जल्द से जल्द लौटाने होंगे। 

यूजीसी की ओर से विश्वविद्यालयों को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि ऐसी जानकारी मिल रही है कि विश्वविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालय व अन्य शैक्षणिक संस्थान सत्र शुरू होने से पहले ही विद्यार्थियों से दाखिला फीस ले लेते हैं। ऐसे में जब विद्यार्थी दाखिला रद कराता है या कोर्स करने के लिए नहीं आता है तो उसकी फीस और मूल दस्तावेज दोनों ही जब्त कर लिए जाते हैं। यूजीसी का मानना है कि इस तरह से फीस और मूल दस्तावेज जब्त करने से विद्यार्थी, जो किसी अन्य संस्थान में दाखिला लेना चाहता है, वहां दाखिला नहीं ले पाता है। यूजीसी ने साफ कहा है कि कोई भी विश्वविद्यालय, कॉलेज व संस्थान किसी भी विद्यार्थी का स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट, मार्क्‍स शीट, जाति प्रमाणपत्र व अन्य मूल दस्तावेजों को अपने पास नहीं रख सकता।
विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को कहा गया है कि यदि कोई विद्यार्थी कोर्स शुरू होने से पहले दाखिला रद करवाता है तो ऐसे में प्रतिक्षा सूची के विद्यार्थी को दाखिला दिया जाना चाहिए। विश्वविद्यालय दाखिला लेने वाले विद्यार्थी के द्वारा जमा की गई फीस में से केवल एक हजार रुपये प्रोसेसिंग फीस के तौर पर काट सकते हैं। इसके अलावा बाकी पूरी फीस लौटानी होगी। यदि कोर्स शुरू होने के बाद विद्यार्थी कोर्स छोड़ता है तो ऐसे में दाखिले की अंतिम तिथि तक दूसरे विद्यार्थी से यह सीट भरी जा सकती है। ऐसी स्थित में विश्वविद्यालय व कॉलेज को मासिक फीस, हॉस्टल रेंट (यदि लिया है तो) को काटकर बाकी फीस विद्यार्थी को लौटानी होगी।                                               dj 

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