** प्रदेश के प्राइमरी, मिडिल स्कूलों के शिक्षकों को राहत, 11500 स्कूलों में सफाई कम चौकीदार और पार्ट टाइम क्लर्क रखे जाएंगे
चंडीगढ़ : शिक्षकों की कमी से जूझ रहे सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में भाजपा सरकार एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में शिक्षकों से गैर शिक्षण कार्य न करवाने के लिए चौकीदार कम स्वीपर और पार्ट टाइम क्लर्क रखे जाएंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अनौपचारिक मीटिंग में शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अफसरों के साथ चर्चा करने के बाद फैसला किया।
अब शिक्षा विभाग इस फैसले के अनुरूप औपचारिक तौर पर फाइल पर मंजूरी लेगा। उसके बाद अगली कार्रवाई की जाएगी। एक अफसर ने हरिभूमि के पूछने पर इसकी पुष्टि की। मुख्यमंत्री को सुझाव मिला था कि प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में सफाई पूरी तरह नहीं होती है। कुछ स्कूलों में एजूसेट भी रखे हुए हैं मगर चौकीदार स्थाई तौर पर कार्यरत नहीं हैं। आजकल बच्चों का दाखिला भी ऑनलाइन हुआ था और टीचर्स की हाजिरी भी बायोमीट्रिक तरीके से लगनी शुरू हो गई है। इसलिए टीचर्स से गैर शिक्षण कार्य न लिया जाए। सीएम के पास स्कूल शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा, मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक आरएस खर्ब और अतिरिक्त निदेशक डॉ. वीरेंद्र दहिया पहुंचे थे।
दसवीं और बारहवीं के सरकारी स्कूलों में चौकीदार कम स्वीपर और क्लैरिकल पदों पर क्लर्क तैनात हैं। मगर मिडिल और प्राइमरी स्कूलों में यह प्रबंध नहीं है। गांवों में ग्राम पंचायतें स्वयं से इन स्कूलों में सफाई व्यवस्था या चौकीदार की व्यवस्था करवाती हैं। शिक्षा विभाग की तरफ से कोई पैसा नहीं दिया जाता। क्लैरिकल काम तो टीचर्स को स्वंय करना पड़ता है। कई स्कूलों में एजूसेट चोरी होने की घटनाएं भी हो रखी हैं। उम्मीद है कि अगलै शैक्षणिक सत्र से इन दोनों पदों पर अस्थाई नियुक्तियां हो जाएं। अभी न्यूनतम मजदूरी हरियाणा में 8100 रुपये है।
सीएम ने पूछा क्या किया जाए
मुख्यमंत्री ने अफसरों से प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में सफाई व्यवस्था और चौकीदार के बारे में जानकारी ली। साथ में पूछा कि कितने प्राइमरी और मिडिल स्कूल हैं? इनमें चौकीदार कम स्वीपर रखे जाएं तो कितना खर्च पड़ेगा। इसके अलावा क्लैरिकल काम के लिए क्या प्रबंध हैं? चर्चा के बाद सीएम ने नौ हजार प्राइमरी और ढाई हजार मिडिल स्कूलों में चौकीदार कम स्वीपर रखने की अनुमति दे दी। hb
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