** प्रतीक्षारत उम्मीदवारों की बैठक में संघ के प्रधान ने दी जानकारी
जींद : पीआरटी 9870 टीचरों की जारी चयन सूची में यदि रिक्त सीटें रह जाती
हैं, तो नियमानुसार उन पर सबसे पहला हक मुख्य सूची में आए वेंटिग
उम्मीदवारों का है, क्योंकि वेंटिग उम्मीदवार मुख्य सूची का हिस्सा ही हैं,
इसलिए खाली रही सीटों पर पहला हक वेंटिग उम्मीदवारों का हैं। ये बातें
पात्र अध्यापक वेंटिग संघ के प्रधान सुंदर रूंडला ने वेंटिग उम्मीदवारों की
बैठक को संबोधित करते हुए कही।
छह सौ उम्मीदवार है प्रतीक्षा में
आज पूरे
प्रदेश से वेंटिग उम्मीदवार एकत्रित हुए। प्रधान ने बताया कि 9870 की
भर्ती में आए उम्मीदवार 2011 में एचटेट क्वालीफाइड हैं और 2012 की भर्ती
में एक साथ आवेदन किया था। उस भर्ती में लगभग 600 के आसपास उम्मीदवार
प्रतीक्षा सूची रहे थे। प्रधान ने बताया कि उनकी जांच का सारा कार्य भी
मुख्य सूची में चयनित उम्मीवार के साथ हो चुका है।
अब कुछ भ्रांति फैलाई जा रही हैं कि
वेंटिग के उम्मीदवारों का हक छीना जा
रहा है। ये मात्र भ्रांति है। उन्होंने बताया कि 9870 की भर्ती में चयनित
उम्मीदवारों की ज्वाइनिंग के उपरान्त यदि सीटें खाली रहती है तो उन पर सबसे
पहला हक वेटिंग उम्मीदवारों का रहेगा। आज तक हर भर्ती में ऐसा होता है।
इस मौके पर बड़ी संख्या में प्रतीक्षारत उम्मीदवार थे।
‘पहला हक उन्हीं का’
प्रदेश भर से आए उम्मीदवारों ने आशा जताई कि सरकार
न्यायप्रिय है और न्यायोचित कार्य करते हुए उनका हक नहीं मरने देगी। इस
मौके पर वेटिंग महिला ¨वग की प्रधान मीनाक्षी सचदेवा ने कहा कि रिक्त सीटों
पर पहला हक वेटिंग उम्मीदवारों का है और जब सीटें रिक्त हैं तो वेंटिग
उम्मीदवारों को भी साथ-साथ ज्वाइनिंग दी जानी चाहिए।
सरकार ने दिया आश्वासन
वेंटिग के उम्मीदवार भी चयनित हैं। उन्होंने कहा
कि सरकार ने भी आश्वासन दिया है कि उनके साथ गलत नहीं होने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व मुख्यमन्त्री के ओएसडी जवाहर यादव ने भी कहा
है कि किसी के साथ गलत नहीं होने दिया जाएगा। सभी उम्मीदवारों ने इस
आश्वासन पर सरकार व मुख्यमन्त्री सहित शिक्षा मन्त्री व ओएसडी जवाहर यादव
का धन्यवाद किया। न्यायलय में दिए हल्फनामें के अनुसार पर्याप्त सीटें
रिक्त हैं। इस अवस्था में वेटिग के उम्मीदवारों को भी मुख्य चयनित
उम्मीदवारों के साथ ज्वाइनिंग दी जाए, क्योंकि वेटिंग उम्मीदवारों की जांच
भी पूरी हो चुकी हैं। dj
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