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Wednesday, 20 January 2016

एक हजार में कैसे मने गणतंत्र दिवस समारोह !

** विभाग द्वारा जारी की गई राशि से बच्चों की नहीं आएगी मिठाई
** विद्यालयों के मुखियाओं की बढ़ी परेशानी
समैन : गणतंत्र दिवस को खास बनाने के लिए शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी स्कूलों को पत्र जारी कर गणतंत्र दिवस मनाने के लिए कहा। इस कार्यक्रम का मुख्य एजेंडा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का होना चाहिए। पत्र में लिखा गया है कि कार्यक्रम में उन छात्रओं को सम्मानित किया जाए जिन्होंने इस वर्ष दसवीं व बारहवीं कक्षा में स्कूल स्तर पर टॉप किया है। 
इतना ही नहीं विभाग की ओर से कहा गया है कि कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रित परिवार के सदस्य को विशेष रूप से सम्मानित किया जाए। लेकिन विभाग ने सभी स्कूलों को केवल एक हजार रुपये का बजट दिया है। एक हजार रुपये में तो केवल बच्चों की मिठाई भी पूरी नहीं हो सकती। ऐसे में स्कूल मुखिया परेशान हैं कि वे यह कार्यक्रम किस तरह करवा पाएंगे। 
विभाग ने पत्र में खुद यह भी माना है कि यह राशि कार्यक्रम के लिए पर्याप्त नहीं है। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि विभाग मान भी रहा कि यह राशि कार्यक्रम के लिए पर्याप्त नहीं फिर भी वह स्कूल के अध्यापकों का मान रखने के लिए इस राशि का प्रावधान कर रहा है। दबी जुबान से स्कूल के मुखिया कह रहे कि यह तो ऊंट के मुंह में जीरा वाला काम है। इतनी कम राशि में तो कार्यक्रम के लिए साउंड सिस्टम का प्रबंध भी नहीं हो पाता। वहीं विद्यालय के बच्चों में गणतंत्र दिवस को लेकर उत्साह है। जो अपनी-अपनी तैयारी में जुटे हैं। कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम का रिहर्सल कर रहा है तो कोई पीटी अभ्यास को अंतिम रुप देने में लगा हुआ है। इसके विपरित स्कूलों के मुखियाओं की टेंशन विभाग के फरमान ने बढ़ा दी है। 
जुगाड़ से बनता है कार्यक्रम के बजट का जुगाड़
टोहाना खंड के एक स्कूल मुखिया ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम को अच्छा बनाने के लिए जुगाड़ करना पड़ता है। एक स्कूल में आयोजित इस तरह के कार्यक्रम में कम से कम दस हजार रूपये की राशि खर्च होती है। यह राशि का प्रबंध गांव के सरपंच से या स्कूल के अन्य फंडों में से जुगाड़ बैठाकर किया जाता है। स्कूल अध्यापकों के अनुसार बच्चों को शिक्षा विभाग की ओर से मिलने वाले वर्दी फंड का जुगाड़ भी इसी तरह किया जाता है, क्योंकि विभाग छात्र-छात्रओं को मिलने वाली वर्दी (पैंट, शर्ट, बेल्ट, जूते, जुराब,जर्सी व टाई)के लिए मात्र 400 रूपये देता है। 
"गणतंत्र दिवस मनाने के लिए पहले स्कूलों को 500 रुपये दिये जाते थे। अब यह राशि एक हजार रुपये कर दी गई। गणतंत्र दिवस के लिए यह राशि कम है। लेकिन वो क्या कर सकते है उन्हें जो आदेश मिले उसे पूरा कर रहे है।"-- रोशन लाल,खंड शिक्षा अधिकारी।                                                    djfthbd

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