नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से लागू सतत
समग्र मूल्यांकन (सीसीई) प्रणाली के तहत नौवीं व दसवीं कक्षाओं की
परीक्षाएं 10 मार्च से शुरू की जा सकती हैं। दरअसल, सीबीएसई ने समेटिव
असेसमेंट -2 (एसए-2) के लिए स्कूलों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
इसमें कहा गया है कि स्कूल अपने स्तर पर एसए-2 के लिए 10 मार्च से
परीक्षा तिथियां तय कर सकते हैं। हालांकि, उनको यह ध्यान रखना होगा कि
दसवीं बोर्ड परीक्षाओं के साथ दसवीं की स्कूल स्तर पर होने वाली परीक्षा की
तिथियां ना टकराएं। मालूम हो कि दसवीं बोर्ड परीक्षा (एसए-2) के लिए
सीबीएसई की ओर से पहले ही तिथियां घोषित की जा चुकी हैं।
सीबीएसई की ओर से
स्कूलों को जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक स्कूल आधारित एसए-2 के लिए
बोर्ड ने बीते साल की तरह इस बार भी स्कूलों को प्रश्नपत्रों में गड़बड़ी व
खामी की सूरत में बदलाव करने की सुविधा दी है। इस तरह से स्कूल प्रश्न
पत्र में गड़बड़ी सामने आने पर उसमें बदलाव कर सकते हैं। इस सुविधा के
अन्तर्गत यदि स्कूलों को ऑनलाइन मिलने वाले दो प्रश्न पत्रों के सेट में से
किसी एक प्रश्नपत्र में कोई सवाल गलत मिलता है या कोई अन्य गलती मिलती है
तो वह उसे स्वयं बदल सकते हैं।
सीबीएसई की अतिरिक्त निदेशक (रिसर्च एंड
इनोवेशन) सुगंध शर्मा के अनुसार सीबीएसई इंटग्रेटिड टेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम
(आइटीएमएस) की मदद से स्कूलों को छह विषयों के प्रश्न पत्र ऑनलाइन तैयार
करने में मदद करेगा। इनमें अंग्रेजी कम्युनिकेटिव, सोशल साइंस,
कम्युनिकेटिव संस्कृत, गणित, हिंदी कोर्स बी, हिंदी कोर्स ए, अंग्रेजी
लैंग्वेज एंड लिटरेचर शामिल हैं। सुगंध के मुताबिक स्कूलों को चार मार्च से
प्रत्येक विषय के दो प्रश्नपत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। ऑनलाइन माकिर्ंग
स्कीम की सुविधा 19 मार्च से उपलब्ध होगी। स्कूल चाहें तो विषयों के लिए
प्रश्नपत्र स्वयं भी तैयार कर सकते हैं। यदि कोई स्कूल प्रश्न पत्र खुद ही
तैयार करता है तो प्रश्न पत्र के साथ-साथ माकिर्ंग स्कीम की जानकारी भी
सीबीएसई को भेजनी होगी। प्रश्नपत्र को सीबीएसई से वेरिफाई कराने के लिए
स्कूल को उस विषय की परीक्षा से एक सप्ताह पहले उसको बोर्ड को भेजना होगा। dj
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