चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों को दोपहर के समय दिए जाने
वाले इस्कान के डिब्बाबंद खाने की भी जांच होगी। सरकार ने इसके आदेश दिए
हैं। नई व्यवस्था के अनुसार अब मिड-डे मील की गुणवत्ता जांचने के लिए
विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं की माताओं को भी शामिल किया
जाएगा।
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी या खंड शिक्षा अधिकारी में से कोई एक
अधिकारी खाद्यान्न के उठान के मौके पर उपस्थित रहेगा। यदि बाद में
खाद्यान्न की गुणवत्ता संबंधी कोई शिकायत मिली तो उस अधिकारी की जिम्मेदारी
होगी। सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि वे हैफेड द्वारा
खाद्यान्न उठान के बाद स्वयं सहायता समूह के किसी न किसी सदस्य को स्कूल
में उपलब्ध रहने के लिए कहें। मिड-डे मील के लिए बाजार से खुला तेल या घी
खरीदने की बजाय अब कंपनी के सील-बंद तेल, घी, दालों या मसालों का ही प्रयोग
करने की हिदायतें मौलिक शिक्षा निदेशालय से दी गई हैं। dj
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