चंडीगढ़ : केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) के स्कूलों में सांसदों के तय कोटे को जनहित याचिका के जरिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। याचिका पर प्राथमिक सुनवाई के बाद जस्टिस सतीश कुमार मित्तल जस्टिस एचएस सिद्धू की खंडपीठ ने केंद्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय केवीएस हेडक्वार्टर को 28 अप्रैल के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वकील एचसी अरोड़ा की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि 20 जुलाई 2012 के केवीएस गवर्निंग बॉडी के आफिस मेमोरेंडम के मुताबिक प्रत्येक सांसद के लिए स्कूलों में छह सीटों का कोटा तय किया गया है। इसके बाद 31 दिसंबर 2015 के मेमोरेंडम में इसे बढ़ाकर छह से 10 कर दिया गया है। इस तरह देश के 802 सांसद 8020 बच्चों के दाखिले की सिफारिश कर सकते हैं। याचिका में कहा गया कि छात्र स्कूलों में दाखिलों के लिए मेहनत करते हैं। ऐसे में सरकारी स्कूलों में दाखिला मेरिट के आधार पर होना चाहिए।
सांसदों को दाखिलों के लिए सिफारिश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यह समानता के अधिकार की अनदेखी है। याचिका में कहा गया कि यदि कोटे को जारी रखना है तो इसके लिए यह शर्त होनी चाहिए कि केवल गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के बच्चों को नामित किया जा सके लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। ऐसे में कोटे को खारिज किया जाए। db
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