भिवानी : मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी कई स्कूल खुले रहे। कई ताकतवर निजी शिक्षण संस्थान संचालक न तो शिक्षा विभाग और न ही राज्य सरकार के आदेश मानने के लिए तैयार हैं। इस संबंध में जांच कर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करने बारे उच्चाधिकारियों को शिकायत भेजने की बात कही है।
चरखी दादरी में निजी स्कूल संचालक सीधे राज्य सरकार को तो चुनौती दे ही रहे हैं, बच्चों के जीवन के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं। भीषण कोहरे के चलते सुबह के समय स्कूल बसों के दुर्घटनाग्रस्त होने का अंदेशा बना रहता है। साथ ही छोटे बच्चों को सर्दी लगने का अंदेशा भी बना रहता है। यहां तक कि शिक्षण संस्थानों ने नर्सरी व केजी के विद्यार्थियों तक को राहत प्रदान नहीं की है। इससे नन्हे-मुन्नों के साथ ही उनके माता-पिता भी खासे परेशान हैं। सर्दी का असर बच्चों- बुजुर्गों व पशुओं पर भी देखा जा रहा है। प्रदेश में ठंड से लगातार हो रही मौत के चलते राज्य सरकार ने सभी स्कूलों की 31 जनवरी तक छुट्टी कर रखी है, लेकिन दादरी के निजी स्कूल संचालकों की मनमानी के सामने विभाग व सरकार के आदेश ही हवा होते नजर आ रहे हैं। इसकी न तो स्कूल संचालकों को कोई परवाह है और न ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों को चिंता।
चरखी दादरी के गांधी नगर, पुराना शहर, प्रेम नगर आदि क्षेत्रों के स्कूल में सरकारी दावों को हवा दिखाते हुए बच्चों को ठिठुरन सर्दी के बीच जमीन पर बिठाया गया था। कुछ बच्चों को बाहर ग्राउंड में बैठाकर डंडों से पिटाई करने के लिए लाइनों में लगाया हुआ था। केजी व यूकेजी बच्चों के कमरे में कोहरे के चलते हाथ कंपकंपा रहे थे। इससे पहले भी विभाग द्वारा घोषित की गई छुट्टियों का निजी शिक्षण संस्थानों में कोई प्रभाव देखने को नहीं मिला था।
दादरी के खंड शिक्षा अधिकारी जयप्रकाश सभ्रवाल ने कहा कि नियम गैर सरकारी व सरकारी दोनों पर लागू हैं। ऐसे में निजी स्कूलों को छुट्टियां करनी चाहिए। अगर नियम तोड़ता हुआ कोई स्कूल पाया जाता है तो नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। dt
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.