चंडीगढ़ : सरकारी कर्मचारी व अधिकारियों और राजनेताओं के बच्चों को राजकीय
विद्यालयों में ही पढ़ाने के मामले में हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को जवाब
दाखिल करने का अंतिम मौका दिया है। एडवोकेट जगबीर मलिक की याचिका पर सुनवाई
करते हुए जस्टिस एसके मित्तल की खंडपीठ ने चार माह गुजरने के बावजूद
रिपोर्ट न सौंपने पर सरकारी मुवक्किल को फटकार भी लगाई।मंगलवार को मामले की
सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार ने बेंच को बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के
आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक लग गई थी। इसलिए प्रदेश में भी इस पर अमल
नहीं किया जा सकता। इस पर बेंच ने कड़ा रुख अपनाते हुए आदेश दिया कि 15
मार्च तक इस मामले में अपना जवाब दाखिल करें। इसके बाद वह उनकी कुछ नहीं
सुनेंगे। याचिका के मुताबिक सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के लिए सरकार
कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। इसके उलट सरकारी कर्मचारियों के बच्चों को
निजी स्कूलों में पढ़ाने के लिए फीस का
भुगतान किया जा रहा है। dj
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News Update:
*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***
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