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Wednesday, 13 January 2016

छठी कक्षा में छात्राओं से पूछा क्या है भारत ? जवाब नहीं दे सकीं

** डिप्टी डायरेक्टर सुमन नैन ने किया राजकीय कन्या स्कूल मंडी का निरीक्षण
** अध्यापकों को लगाई फटकार, बोली-कक्षा में क्या पढ़ाते हो छात्राओं को
गोहाना : सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं आया है। इसका उदाहरण उस समय देखने को मिला, जब एससीईआरटी गुड़गांव की डिप्टी डायरेक्टर सुमन नैन ने राजकीय कन्या स्कूल, मंडी का निरीक्षण किया। इस दौरान छठी कक्षा की छात्रा से पूछा कि भारत क्या है। छात्रा को मानो सांप सूंघ गया। वह काफी देर तक चुपचाप खड़ी रही। कक्षा में अन्य छात्राएं भी एक-दूसरे का मुहं तांकने लगी। जिसे देख डिप्टी डायरेक्टर ने टीचर से कहा कि छात्राओं को क्या पढ़ाते हो। डिप्टी डायरेक्टर ने स्कूल में मिड-डे मिल की जांच की। साथ ही कुक को सफाई रखने के निर्देश दिए। 
एससीआरटी गुड़गांव की डिप्टी डायरेक्टर सुमन नैन ने मंगलवार को गोहाना के शहर में स्थित दोनों राजकीय कन्या स्कूल, मोहाना और बड़वासनी के स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। मंडी स्थित स्कूल में डिप्टी डायरेक्टर पहुंची तो वहां पर बच्चे बरामदे में बैठे हुए थे। जिस पर डिप्टी डायरेक्टर सीधी उनके पास पहुंची। उन्होंने बच्चों से सामान्य ज्ञान के प्रश्न किए, लेकिन एक भी छात्रा जवाब नहीं दे पाई। इसके बाद नैन दसवीं और बाहरवीं कक्षा की क्लास में पहुंची। जहां पर छात्राओं से अंग्रेजी और विज्ञान विषय के प्रश्न पूछे। यहां भी उन्हें निराशा ही मिली। वे दसवीं कक्षा में जाकर मिली, जहां पर केवल एक ही छात्रा उनके सवालों का जवाब दे पाई। 
उन्होंने टीचरों को फटकार लगाते हुए कहा कि विभाग शिक्षा के स्तर को लेकर गंभीर है, लेकिन स्कूलों में टीचर शिक्षा के प्रति गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। शिक्षा में कोताही बरतने वाले टीचरों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा नहीं जाएगा। दौरे के दौरान बीईओ सुभाष चंद्र भारद्वाज और सेवानिवृत्त प्राध्यापक कृष्ण दुरेजा आदि उपस्थित थे। 
टीचरों के रिक्त पदों को भरने की रखी मांग: 
राजकीय कन्या स्कूल मंडी में विभिन्न संकाय में टीचरों के करीब 17 पद रिक्त पड़े हुए हैं। टीचरों की कमी के चलते छात्राओं की शिक्षा प्रभावित हो रही है। वहीं टीचरों के अभाव में पिछले सत्र के बाद करीब 120 छात्राओं ने स्कूल में दाखिले नहीं लिए। स्कूल प्रशासन ने डिप्टी डायरेक्टर से स्कूल में रिक्त पदों पर टीचरों की नियुक्ति करवाने की मांग की। इस पर उन्होंने समस्या को उपर भेेजने की बात कही।                                                                  db 

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