** 9 बायोमीट्रिक मशीनें पड़ी हैं एक माह से बंद, शिक्षा अधिकारी भी नहीं करा पा रहे समस्या का हल
कैथल : जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से एक किलोमीटर दूर राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कैथल में एक माह पहले लगी बायोमीट्रिक मशीनें एक दिन ही चल पाई हैं। शिकायत के बावजूद एक माह से खराब पड़ी मशीनों की शिक्षा अधिकारी भी सुध नहीं ले रहे।
प्रदेश सरकार ने सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की हाजिरी सुनिश्चित करने के लिए बायोमीट्रिक मशीनें लगाई जानी अनिवार्य कर दी हैं। ज्यादातर सरकारी कार्यालयों बायोमीट्रिक मशीनें लग चुकी हैं। कुछ ऐसे भी कार्यालय हैं, जहां बायोमीट्रिक मशीनें होने के बावजूद हाजिरी रजिस्टर पर लग रही है। इनमें से ऐसा ही एक राजकीय कन्या स्कूल कैथल है। कन्या स्कूल में 59 स्कूल अध्यापक हैं। एक माह पहले इस स्कूल में अध्यापकों की संख्या के अनुसार 9 बायोमीट्रिक मशीनें लगाई गई थी। ऑनलाइन होने के बाद एक दिन ही 9 बायोमीट्रिक मशीनों पर अध्यापकों की हाजिरी लग पाई। इसके बाद बायोमीट्रिक मशीनें ठप्प पड़ी हैं। शिकायत करने के बावजूद भी शिक्षा विभाग की ओर से कोई कर्मचारी ठीक करने नहीं आया। प्रिंसिपल जनक नरूला ने बताया कि बायोमीट्रिक मशीनें खराब होने के कारण एक माह से अध्यापकों की हाजिरी रजिस्टर पर ही लगाई जा रही है। मशीनें खराब होने के बारे में कई बार शिक्षा अधिकारियों को भी सूचित किया जा चुका है।
हमारे पास नहीं कोई जानकारी
जिलाउप शिक्षा अधिकारी शमशेर सिंह सिरोही ने कहा कि स्कूलों में बायोमीट्रिक मशीनें स्कूल स्टाफ की हाजिरी लगवाने के लिए दी गई हैं। हर दिन स्कूल स्टाफ की हाजिरी लगाई जानी अनिवार्य है। अगर किसी स्कूल की बायोमीट्रिक मशीन खराब है तो इसे स्कूल प्रिंसिपल को स्वयं ठीक करवाना चाहिए। जहां तक स्कूल में बायोमीट्रिक मशीन खराब होने की बात है। इसके बारे में हमारे पास कोई जानकारी नहीं है। db
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