** अध्यापक अब अपनी मर्जी से नहीं दे सकेंगे सीसीई अंक
फतेहाबाद : सरकारी स्कूलों के बच्चों को अब शिष्टाचारी (मैनर्स) से परिपूर्ण बनाने पर शिक्षा विभाग जोर देगा। इसके लिए शिक्षा विभाग बच्चों के परीक्षा में जुड़ने वाले सीसीई अंक अध्यापकों को अपनी मर्जी से देने पर रोक लगा दी है। सभी जिलों के डीईओ को आदेश देते हुए विभाग की ओर से कहा गया है कि सीसीई अंक देने के लिए प्रत्येक बच्चे के गतिविधि का आंकलन किया जाए। यानि पढ़ाई के अतिरिक्त बच्चे अपनी दैनिक दिनचर्या में क्या करते हैं, सामाजिक कार्यों में उसकी कितनी भागीदारी है, स्कूल में समय पर आते हैं या नहीं, अपना होम वर्क समय पर पूरा करते हैं, खेलों में या अन्य कार्यों में कितनी रूचि रखते हैं और यहां तक स्कूलों में बच्चों का आचरण कैसा हैω इन सबको अध्यापक अपनी दैनिक बुकलेट में दर्ज करेंगे।
इसी के आधार पर मासिक रिपोर्ट के अलावा बच्चों का टेस्ट लिया जाएगा। इसके बाद ही वार्षिक रिजल्ट में सीसीई के अंक जोड़े जाएंगे। इससे पहले अध्यापक अपनी मर्जी से बच्चों को सीसीई अंक जारी कर देते थे। इसके चलते कई बच्चे पढ़ाई में हो सकता कुछ कमजोर रहते हों लेकिन वे शिष्टाचारी अधिक होते हैं। सीसीई अंक अब उन्हीं बच्चों को उतने ही मिलेंगे जितने वे शिष्टाचारी होंगे।
शिष्टाचारी बनने को गंभीर होंगे बच्चे : डीईओ
"सीसीईअंक अब अध्यापक अपनी मर्जी से नहीं देंगे। अध्यापकों द्वारा दैनिक बुकलेट में दर्ज रिपोर्ट और लिए जाने वाले टेस्ट के अनुसार ही बच्चों के सीसीई अंक रिजल्ट में जोड़े जाएंगे। विभाग की इस कोशिश से बच्चों में शिष्टाचारी बनने की आदत गंभीर होगी। अध्यापक भी बच्चों को शिष्टाचारी बनाने पर जोर देंगे।''-- यज्ञदत्तवर्मा, डीईओ , फतेहाबाद।
साल में 2 बार देने होंगे टेस्ट
सीसीई अंकों को जोड़ने के लिए स्कूलों में बच्चों के साल में दो बार टेस्ट लिए जाएंगे। 20-20 अंक के लिए दिए जाने वाले इन टेस्टों में वेटेज 12 अंकों की होगी। अध्यापकों द्वारा बच्चों को सीसीई अंकों के लिए भी अब एक तरह से तैयारी करवानी होगी।
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