** कभी इंटरनेट कनेक्टिविटी की दिक्कत तो कभी स्कैन नहीं हो रही अंगूठों की छाप
खरखौदा : राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में अध्यापकों-प्राध्यापकों की हाजिरी लगाने के लिए जो बायो मैट्रिक मशीन लगाई गई है। दरअसल उस मशीन की कार्यप्रणाली नेट कनेक्टिविटी में दिक्कत होने के कारण विद्यालय अध्यापिकाओं प्राध्यापिकाओं को अपनी हाजिरी दर्ज कराने के लिए काफी परेशानी होती है। रोजाना बहुत से अध्यापकों को हाजिरी रजिस्टर में लगानी पड़ती है। अध्यापकों ने मांग की है कि अच्छी गुणवत्ता वाली मशीन अध्यापकों की संख्या के हिसाब से मशीनें लगाने की व्यवस्था की जाए,
"मशीन खराब होने के कारण कई बार तो एक अध्यापक की हाजिरी दर्ज होने में ही 5 मिनट का समय लग जाता है। कई बार मशीन वर्किंग में ही नहीं रहती। इस बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को भी शिकायत भेजी गई है।''-- बलवान सिंह,प्राचार्य, कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खरखौदा।
तनख्वाह कटने का डर
मशीन में लेट लतीफी से हाजिरी लगने के कारण अब तनख्वाह कटने का डर सता रहा है। उनका कहना है कि वैसे उन्होंने इस बारे में जिला अधिकारियों को बता दिया है लेकिन अगर ऑन लाइन हाजिरी उठाकर उनकी तनख्वाह बनाई गई तो उनकी तनख्वाह कटकर आएगी।
स्कैनिंग बनी परेशानी :
जो बायो मैट्रिक मशीन यहां पर लगाई गई है उस मशीन में इंटरनेट कनेक्टिविटी की दिक्कत रहती है और उसकी स्केनिंग क्षमता कम होने के कारण अंगूठों की छाप को वह जल्दी से स्वीकार नहीं करती। जिस कारण अध्यापक बार-बार कोड रिसेट करके ट्राई करता रहता है और उसका मशीन दोनों का समय बर्बाद होता है।
मशीन सही काम नहीं करती
स्कूल में प्राचार्य, हाई स्कूल हैड प्राइमरी हैड सहित कुल 51 अध्यापक-अध्यापिकाएं प्राध्यापक हैं। बायो मैट्रिक सिस्टम से हाजिरी लगाने की प्रक्रिया सुबह 8:45 से 9:30 बजे तक लगती है। कुल 45 मिनट का समय होता है, लेकिन जब शिक्षक अपनी हाजिरी लगाने के लिए बायोमैट्रिक मशीन का प्रयोग करते हैं तो वह ठीक से काम नहीं करती। जिसके कारण काफी समय तक अध्यापक-अध्यापिकाएं लाइन में खड़ी रहतीं हैं। जब साढ़े 9 बजे तक भी हाजिरी नहीं लगती तो वे या तो रजिस्टर में हाजिरी लगाती हैं। db
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