** आरटीआई में हुआ खुलासा, यूनिवर्सिटी में एमफिल पीएचडी शोधार्थियों को सुपरवाइज करने में रेगुलर की जगह डेपुटेशन शिक्षकों को लगाया
जींद : चौ.रणबीर सिंह विश्वविद्यालय (सीआरएसयू) में पिछले डेढ़ वर्ष में की गई नियुक्तियों पर सवाल खड़ा हो रहा है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने स्वीकृत पदों से ज्यादा आवेदन मांगें और नियुक्तियां भी अधिक वेतन पर की। यह खुलासा आरटीआई के तहत जुटाई गई जानकारी से हुआ। यूनिवर्सिटी में एमफिल पीएचडी शोधार्थियों को सुपरवाइज करने में रेगुलर की जगह डेपुटेशन शिक्षकों को लगाया है।
सीआरएसयू में उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा 31 जुलाई 2014 को वाइस चांसलर, रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार, असिस्टेंट रजिस्ट्रार, फाइनांस ऑफिसर, कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन, वीसी के प्राइवेट सेक्रेटरी और रजिस्ट्रार के निजी सहायक के एक-एक पद स्वीकृत किए गए। जबकि यूनिवर्सिटी ने 25 जुलाई 2014 से 9 सितंबर 2014 के बीच इन रिक्तियों के लिए डेपुटेशन पर आवेदन मांगें गए। इनमें फाइनांस ऑफिसर, कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन, डिप्टी रजिस्ट्रार, असिस्टेंट रजिस्ट्रार, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, एसडीई सिविल, सिस्टम एनॉलिस्ट, असिस्टेंट लाइब्रेरियन, सुपरिंटेंडेंट, सिक्योरिटी ऑफिसर, असिस्टेंट, अकाउंटेंट, जेई सिविल, जेई इलेक्ट्रिकल, क्लर्क, स्टेनो टाइपिस्ट, ड्राइवर, लाइब्रेरी अटेंडेंट एवं स्टोर कीपर। जिनमें आवेदन की अंतिम तिथि 14 अगस्त 2014 थी। आश्चर्य का विषय है कि बिना स्वीकृत पदों के आवेदन कैसे मांगें गए।
सीआरएसयू में हैं केवल तीन पात्र शिक्षक :
सीआरएसयू में केवल तीन पात्र शिक्षक हैं, जो यूजीसी अधिनियम 2009 के अंतर्गत एमफिल पीएचडी के शोधार्थियों को सुपरवाइज कर सकते हैं। जिनमें से दो मैनेजमेंट विभाग में एक कंप्यूटर साइंस विभाग में कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त सभी शिक्षक डेपुटेशन या अनुबंध पर हैं, इसलिए वे एमफिल पीएचडी के शोधार्थियों को सुपरवाइज नहीं कर सकते।
इसकी जांच कराऊंगा : रजिस्ट्रार
"सेक्शन पोस्ट पर भी डेपुटेशन दिया गया है। डेपुटेशन पर जो आता है वो रेगुलर होता है। असिस्टेंट रजिस्ट्रार पर दो को नियुक्ति दी गई थी, लेकिन उसकी मेरे को पूरी जानकारी नहीं है। मैं पता करके बताऊंगा, बिना नियम के कोई कार्य नहीं होने देंगे। मैं इसकी जांच कराऊंगा।"-- प्रो.एसके सिन्हा, रजिस्ट्रार, सीआरएसयू, जींद
पद एक, दो को थमाया नियुक्ति पत्र
आरटीआई रिपोर्ट के मुताबिक आश्चर्य की बात यह है कि 7 अगस्त 2014 को संजीव 19 अगस्त 2014 को रणपाल श्योकंद को विश्वविद्यालय में असिस्टेंट रजिस्ट्रार के पद के लिए डेपुटेशन पर आमंत्रित किया गया। रिक्तियों की आवेदन की अंतिम तिथि 14 अगस्त 2014 थी परंतु संजीव कुमार को दिए ऑफर लेटर में तिथि 7 अगस्त 2014 दर्शाई गई है, जो कि नियमों का उल्लंघन बयां करती है। ऐसे में एक पद पर दो को नियुक्ति पत्र थमाकर अनियमितता बरती गई। इतना ही नहीं, डेपुटेशन पर नियुक्ति पाने वालों को मूल वेतन से लगभग 20 से 40 प्रतिशत तक अधिक वेतन दिया जाता रहा है। जवाब में खुलासा हुआ है कि यूजीसी के पीएचडी 2009 अधिनियम के अनुसार केवल विश्वविद्यालय के रेगुलर टीचर ही सुपरवाइजर बन सकते हैं। जबकि आरटीआई के माध्यम से प्राप्त सूचना के आधार पर डेपुटेशन पर आए हुए शिक्षक भी पीएचडी एवं एमफिल को सुपरवाइज कर रहे हैं। इसकी पुष्टि यूजीसी के 6 जुलाई 2015 के नोटिस नंबर एफ10-6/2011(पीएस) मिस. एवं चार सितंबर 2015 के नोटिस नंबर एफ10-6/2011(पीएस) मिस. से की जा सकती है। db
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