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Tuesday, 19 July 2016

निदेशालय ने डीईईओ को दिए बर्तन की डिमांड भेजने के आदेश

शहजादपुर : मौलिक स्कूल निदेशालय ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर स्कूलों से बच्चों को दूध गर्म करने के लिए पतीले गिलास की डिमांड भेजने के निर्देश दिए हैं। पहली से आठवीं के बच्चों को मिड डे मील में गेहूं चावल से बने पदार्थ दिए जाते रहे हैं। कुछ समय पहले बच्चों को खीर देना शुरू किया गया था, लेकिन किन्हीं कारणों से उसे बंद कर दिया गया 
सुप्रीमकोर्ट में चल रहा मामला
शिक्षाविभाग ने निर्देशों में सुप्रीम कोर्ट में चल रहे स्वराज अभियान बनाम यूनियन ऑफ इंडिया अन्य केस का हवाला दिया है। इससे सुप्रीम कोर्ट ने छुटि्टयों में बच्चों को मिड डे मील उपलब्ध कराने के निर्देश राज्य सरकारों को दिए थे। प्रदेश के शिक्षा विभाग ने जून में पत्र जारी करके यह पूछा था कि छुटि्टयों के दौरान कितने बच्चे मिड डे मील चाहते हैं जिसमें काफी कम संख्या सामने आई थी। दूसरी और इसमें स्वतंत्र राजकीय प्राइमरी स्कूल, एडेड प्राइमरी स्कूल, प्राइमरी स्कूल, प्राइमरी स्कूलों के साथ जुड़े एडेड अपर प्राइमरी स्कूल, राजकीय अपर प्राइमरी स्कूल और एडेड अपर प्राइमरी स्कूल, नेशनल चाइल्ड लेबर प्रोजेक्ट के स्कूल शमिल हैं। 
इतने पैसे में दूध कैसे संभव : 
कक्षा छह से आठ के लिए स्कूलों में मिड डे मील पर प्रति बच्चे पर प्रतिदिन 6.18 रुपए का खर्च स्वीकृत है। प्राइमरी कक्षाओं के लिए जो यह कम है। 
"विभाग ने बच्चों के दूध के लिए पतीले गिलास खरीने के आदेश दिए हैं जिसे शीघ्र ही खरीदा जाएगा। सरकार के आदेशानुसार जो भी मेन्यू आएगा, उसी अनुसार बच्चों को मिड डे मील दिया जाएगा।"-- सतपालकौशिक, बीईओ शहजादपुर।                                                                             dbamb

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