चंडीगढ़ : हरियाणा के
शिक्षक अपनी मांगों को लेकर उग्र हो गए हैं। शिक्षकों ने राज्य सरकार को 5
अगस्त तक का अल्टीमेटम देते हुए ऐलान किया है कि अगर इस दौरान उनकी जायज
मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे बड़े आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेंगे।
इससे पूर्व आज हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के 7 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की
शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के साथ वार्ता हुई। हालांकि आज कुछ देर के लिए
ही बातचीत हुई और अब मंत्री ने 5 अगस्त को उनके साथ फिर से बैठक कर
समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया है।
याद रहे कि शिक्षकों द्वारा प्रस्तावित आंदोलन के तहत आज हजारों शिक्षक
जत्थों के रूप में नारेबाजी करते हुए पंचकूला स्थित शिक्षा सदन के सामने
इकट्ठे हुए। इसके बाद अध्यापक प्रदर्शन करते हुए चंडीगढ़ स्थित शिक्षा
मंत्री के आवास पर पहुंचे। यहां 7 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए
बुलाया गया। बातचीत के दौरान शिक्षा मंत्री के साथ बैठक के लिए 5 अगस्त का
समय निश्चित किया गया।
प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए राज्य उपप्रधान महताब सिंह, मुकेश यादव, कृष्णा, प्रेस सचिव महीपाल, उपमहासचिव सुरजीत सिंह सैनी, ऑडिटर जयप्रकाश शास्त्री ने मांगों पर चर्चा करते हुए कहा कि एजुसैट योजना पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुई है और सैमेस्टर सिस्टम से भी समय की ही बर्बादी हुई है। उन्होंने कहा कि अध्यापक भर्ती योजना जी का जंजाल बन गई है और पदोन्नति पूरी तरह ठप्प पड़ी हैं।
मिडल हैड को यह नहीं पता है कि उसे करना क्या है। इनकी शक्तियां भी परिभाषित नहीं हैं। शिक्षकों ने कहा कि सेवा नियमों में अंधाधुध परिवर्तन करके इसका स्वरूप पूरी तरह से बिगाड़ा जा चुका है। स्थानांतरण में पूर्णतया राजनीतिक दखलअंदाजी है और नया त्रिस्तरीय ढांचा शिक्षकों से धोखा है। राज्य प्रधान वजीर सिंह ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने अभी भी अध्यापकों की भावना को नहीं समझा तो अध्यापक शिक्षा बचाने के लिए कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं और घोषणा की कि 5 सितम्बर से हरियाणा भर में सभी कस्बों व शहरों में जत्थे निकाले जाएंगे।
मिनिस्ट्रियल स्टॉफ एसोसिएशन ने भी दिया समर्थनप्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए राज्य उपप्रधान महताब सिंह, मुकेश यादव, कृष्णा, प्रेस सचिव महीपाल, उपमहासचिव सुरजीत सिंह सैनी, ऑडिटर जयप्रकाश शास्त्री ने मांगों पर चर्चा करते हुए कहा कि एजुसैट योजना पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुई है और सैमेस्टर सिस्टम से भी समय की ही बर्बादी हुई है। उन्होंने कहा कि अध्यापक भर्ती योजना जी का जंजाल बन गई है और पदोन्नति पूरी तरह ठप्प पड़ी हैं।
मिडल हैड को यह नहीं पता है कि उसे करना क्या है। इनकी शक्तियां भी परिभाषित नहीं हैं। शिक्षकों ने कहा कि सेवा नियमों में अंधाधुध परिवर्तन करके इसका स्वरूप पूरी तरह से बिगाड़ा जा चुका है। स्थानांतरण में पूर्णतया राजनीतिक दखलअंदाजी है और नया त्रिस्तरीय ढांचा शिक्षकों से धोखा है। राज्य प्रधान वजीर सिंह ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने अभी भी अध्यापकों की भावना को नहीं समझा तो अध्यापक शिक्षा बचाने के लिए कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं और घोषणा की कि 5 सितम्बर से हरियाणा भर में सभी कस्बों व शहरों में जत्थे निकाले जाएंगे।
शिक्षकों के आंदोलन को हरियाणा मिनिस्ट्रियल स्टॉफ एसोसिएशन ने भी अपना समर्थन दे दिया है। एसोसिएशन के महासचिव सतीश सेठी व कोषाध्यक्ष कंवलजीत सिंह ने सरकार की तानाशाही की निंदा करते हुए कहा कि सरकार जान-बूझ कर बातचीत से भाग रही है, क्योंकि सरकार सच्चाई का सामना नहीं कर सकती। पंचकूला जिला सर्व कर्मचारी संघ के नेता स्वर्ण जांगड़ा ने प्रदर्शन को संबोधित किया। राज्य महासचिव सीएन भारती ने जानकारी देते हुए बताया कि कई बार बातचीत के लिए मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को पत्र लिखे जा चुके हैं, लेकिन आज तक भी सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया, इसलिए संघ को शिक्षा को बचाने के लिए बार-बार संघर्ष का बिगुल बजाना पड़ा।...dt
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