जींद : पहली से आठवीं कक्षा तक के स्कूलों में सृजित किए गए मौलिक स्कूल मुख्याध्यापक पद के बाद जिले के मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों तथा मुख्य शिक्षकों के बीच फंड व ग्रांट प्रयोग को लेकर विवाद पैदा हो गया है। यह पूरा विवाद जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की तरफ से जारी किए गए एक पत्र के बाद से शुरू हुआ है। मामला सामने आने के बाद अब जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने कार्यालय द्वारा जारी पत्र में संशोधन किए हैं ताकि स्कूलों का माहौल खराब न हो सके।काबिल-ए-जिक्र है कि कुछ दिन पहले जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने एक पत्र जारी करके मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों के कार्यो व जिम्मेदारी को तय किया था। इसमें कहा गया था कि मौलिक स्कूल मुख्याध्यापक पहली से आठवीं कक्षा के कार्य देखेंगे और इसमें सहयोग करेंगे। पत्र जारी होने के बाद मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों ने मिडिल स्कूलों तक की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेनी शुरू कर दी और हर प्रकार के कार्यो में हस्तक्षेप शुरू कर दिया।बताया जा रहा है मुख्य शिक्षक के नाम से आने वाली ग्रांट व फंड को भी कुछ मुख्य शिक्षकों ने अपने नाम करने की बात कही। ऐसा न करने पर कुछ मुख्य शिक्षकों के वेतन तक रोक लिए गए। इस पर मुख्य शिक्षक भी भड़क गए और कई स्कूलों में इस प्रकार के विवाद सामने आए। हालांकि मामले खुलकर सामने नहीं आए और स्कूल तक ही दबकर रह गए।मामला बढ़ता देखकर अब मुख्य शिक्षकों ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को पूरे मामले से अवगत कराया है और मालिक स्कूल मुख्याध्यापकों की शिकायत की है। इस पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने अपने पुराने पत्र को संशोधित कर जारी करने का निर्णय लिया है। इस पत्र में स्पष्ट किया जाएगा कि मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों को फिलहाल विभाग की तरफ से कोई कार्य व जिम्मेदारी नहीं दिए हैं और वह केवल एक से आठवीं कक्षा के कार्यो में अपना सहयोग दें।वहीं इस मामले में बुधवार को राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष राजेश सिंहरोहा के नेतृत्व में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी से मिला। संघ ने जिले के विभिन्न स्कूलों में नवनियुक्त मिडिल हैडमास्टरों द्वारा प्राथमिक स्कूलों के मुख्य शिक्षकों को अनुचित ढंग से परेशान करने व स्कूलों का माहौल खराब करने पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कई मिडिल स्कूल मुखिया प्राथमिक शिक्षकों व मुख्य शिक्षकों पर अनुचित व अवैधानिक दबाव डालकर सभी ग्रांट व फंड अपने नाम कराने को कह रहे हैं। ऐसा नहीं करने पर उनका वेतन रोक रहे हैं। उन्होंने पत्र वापस लेने की मांग की, जिसे मान लिया गया। ...dj 12.9.13
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